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लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड (Lenskart Solutions) का 821 मिलियन डॉलर का IPO पिछले सप्ताह सिर्फ पांच घंटे में पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया। इसके बावजूद, इस आईवियर रिटेलर की वैल्यूएशन को लेकर यह बहस छिड़ गई है कि क्या भारतीय स्टार्टअप्स को पब्लिक मार्केट में जरूरत से ज्यादा हाई वैल्यूएशन मिल रहा है।
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक, डीएसपी एसेट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड (DSP Asset Managers) ने सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद अपने एंकर इन्वेस्टमेंट का बचाव किया। म्यूचुअल फंड ने कहा कि कंपनी का व्यवसाय “मजबूत और स्केलेबल” है, हालांकि उसने यह भी माना कि डील महंगी है।
शेयर बिक्री शुक्रवार को बोली के लिए खुली और सभी कैटेगरी में पूरी तरह सब्सक्राइब हो गई, जिनमें रिटेल निवेशक भी शामिल थे। हालांकि, यह मजबूत मांग ऐसे समय में आई है, जब भारत के आईपीओ बाजार में कंज्यूमर टेक स्टार्टअप्स को लेकर उत्साह बरकरार है, लेकिन लिस्टिंग के बाद मुनाफे में गिरावट देखी जा रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि म्यूचुअल फंड्स, जिनकी इनफ्लो मुख्य रूप से घरेलू निवेशकों के पैसे से आती है, शायद ऐसे स्टार्टअप्स के लिए ऊंची कीमत चुका रहे हैं जो अभी तक प्रॉफिटेबल नहीं बने हैं।
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लेमोन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, “लेंसकार्ट का आईपीओ स्केल तो देता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वैल्यू भी दे।” उनके मुताबिक, यह ऑफर वैश्विक प्रतिस्पर्धियों जैसे EssilorLuxottica SA की तुलना में काफी प्रीमियम पर है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पेरिस-लिस्टेड यह कंपनी अपने फॉरवर्ड अर्निंग्स के 45 गुना पर ट्रेड कर रही है।
यह वैल्यूएशन विवाद उसी तरह का है, जैसाकि फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (अब इटरनल) ने 2021 में एक घाटे में चल रही कंपनी के रूप में आईपीओ लॉन्च किया था। उस समय विवाद तब और बढ़ा जब पेमेंट कंपनी पेटीएम (One 97 Communications Ltd.) के शेयर पहले दिन 27 प्रतिशत गिर गए, जो भारत के सबसे खराब लिस्टिंग्स में से एक थी।
2021 से अब तक लगभग 32 स्टार्टअप्स भारत के शेयर बाजार में लिस्टेड हुए हैं। इनमें से 14 कंपनियों के शेयर अब अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं, जिनमें फिनो पेमेंट्स बैंक और पेटीएम सबसे बड़ी पिछड़ने वाली कंपनियों में शामिल हैं।
अपने अपर प्राइस बैंड पर, लेंसकार्ट की वैल्यूएशन करीब 8 अरब डॉलर है। यानी पिछले साल की एंटरप्राइज वैल्यू-टू-सेल्स का लगभग 10 गुना। एसबीआईकैप सिक्योरिटीज (SBICAP Securities) ने इस वैल्यूएशन को “खिंचा हुआ (stretched)” बताया और कहा कि शॉर्ट-टर्म लिस्टिंग गेन “म्यूटेड” रह सकते हैं। फिर भी, उन्होंने निवेशकों को सब्सक्राइब करने की सलाह दी, यह कहते हुए कि ब्रांड मजबूत है और भारत के तेजी से बढ़ते आईवियर बाजार में भारी संभावनाएं हैं।
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग (Choice Equity Broking) के विश्लेषक रजनाथ यादव ने भी वैल्यूएशन को “काफी ऊंचा” बताया और कमजोर प्रॉफिटेबिलिटी की ओर इशारा किया, लेकिन यह भी कहा कि कंपनी की वैश्विक उपस्थिति बढ़ रही है, जहां से लगभग 40% राजस्व विदेशी बाजारों से आता है।
‘शार्क टैंक इंडिया’ के जज पीयूष बंसल द्वारा स्थापित लेंसकार्ट के आईपीओ का प्राइस बैंड ₹382 से ₹402 है और मंगलवार तक खुला है। कंपनी का मूल्यांकन ₹70,000 करोड़ (8 बिलियन डॉलर) तक पहुंच रहा है। कंपनी का स्टॉक 10 नवंबर को लिस्ट होगा।
कंपनी के निवेशकों में अरबपति राधाकिशन दमानी भी शामिल हैं, जिन्होंने आईपीओ से पहले ₹900 करोड़ का निवेश किया था। विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे हाई-प्रोफाइल निवेशक का जुड़ना भारत की कंज्यूमर ग्रोथ कहानी पर भरोसे को दर्शाता है।
चॉइस इक्विटी के यादव ने कहा कि लेंसकार्ट का प्रिस्क्रिप्शन आईवियर बाजार में 4-6% हिस्सा है, जो अभी भी असंगठित खिलाड़ियों से भरे बाजार में विस्तार की बड़ी गुंजाइश दिखाता है। एसबीआईकैप ने कहा कि कंपनी के बढ़ने के साथ प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार की उम्मीद है, हालांकि लगातार अर्निंग ग्रोथ ही अहम होगा।