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सर्विस सेक्टर में सबसे आगे चंडीगढ़ और दिल्ली, सेवा केंद्रित हैं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्य

दिल्ली में भी रियल एस्टेट, आवास का स्वामित्व और पेशेवर सेवा ने का योगदान लगभग 31 प्रतिशत है। इससे वाणिज्यिक और परामर्श सेवाओं की मजबूत मांग का पता चलता है

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शिवा राजौरा   
Last Updated- November 03, 2025 | 10:57 PM IST

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में सेवाओं की हिस्सेदारी चंडीगढ़ (88.8 प्रतिशत) और दिल्ली (84.1 प्रतिशत) में सबसे अधिक रही है। इससे पता चलता है कि प्रति व्यक्ति अधिक आमदनी वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अधिक सेवा केंद्रित होते हैं। नीति आयोग द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट के आंकड़ों से यह सामने आया है।

सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों का उपयोग करके तैयार की गई ‘भारत का सेवा क्षेत्र: जीवीए रुझानों से अंतर्दृष्टि’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अमीर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में गतिशील, विपणन योग्य सेवाओं की मेजबानी करने की अधिक संभावना होती है। इससे दीर्घकालिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा आमदनी में वृद्धि और सेवा क्षेत्र के विस्तार के बीच संबंध पारस्परिक रूप से मजबूत होता है।’

रिपोर्ट में विश्लेषण के लिए केवल 22 प्रमुख राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों का उपयोग किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर 2023-24 में जीवीए में सेवाओं की हिस्सेदारी 54.5 प्रतिशत रही।

चंडीगढ़ में, सेवा क्षेत्र मुख्य रूप से ट्रेड और रिपेयर सेवाओं (35.4 प्रतिशत) पर केंद्रित है। इसके बाद रियल एस्टेट, आवास का स्वामित्व और पेशेवर सेवाएं (25.7 प्रतिशत), वित्तीय सेवाएं (15.9 प्रतिशत), लोक प्रशासन (7.7 प्रतिशत) और अन्य सेवा (6.8 प्रतिशत) का स्थान है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ट्रेड और रिपेयर सेवाओं की चंडीगढ़ में प्रमुखता की वजह जोन पर आधारित शहरी योजना है। चंडीगढ़-मोहाली-पंचकूला के 3 शहर के क्षेत्र को जोड़ने वाले विशेष खुदरा और सेवा गलियारों की वजह से ऐसा है। दो राज्यों की राजधानी होने की वजह से भी कानूनी, वास्तुशिल्प और इंजीनियरिंग जैसी पेशेवर सेवाओं की मांग रहती है।’

दिल्ली में भी रियल एस्टेट, आवास का स्वामित्व और पेशेवर सेवा ने का योगदान लगभग 31 प्रतिशत है। इससे वाणिज्यिक और परामर्श सेवाओं की मजबूत मांग का पता चलता है।

पूर्ण राज्यों में कर्नाटक में सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीएसवीए) में सेवाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक (62.3 प्रतिशत) है, इसके बाद केरल (61.5 प्रतिशत) और तेलंगाना (60.3 प्रतिशत) का स्थान है। इन तीनों राज्यों के जीवीए की हिस्सेदारी में रियल एस्टेट, आवास का स्वामित्व और पेशेवर सेवा का सबसे अधिक योगदान है।

आश्चर्यजनक रूप से बिहार (58 प्रतिशत) में भी जीएसवीए में सेवाओं की हिस्सेदारी अधिक है, हालांकि प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है, जिसमें छोटे पैमाने की खुदरा दुकानों और स्व-रोजगार के कारण व्यापार और मरम्मत सेवा (27.8 प्रतिशत) और अन्य सेवा (20 प्रतिशत) का योगदान सर्वाधिक है।

वहीं छत्तीसगढ़ (33.9 प्रतिशत) में जीएसवीए में सेवाओं की हिस्सेदारी सबसे कम है, क्योंकि राज्य में खनन और खनिज आधारित उद्योगों का प्रभुत्व है। ओडिशा के लिए भी यही सच है क्योंकि जीएसवीए में सेवाओं का योगदान केवल 38.2 प्रतिशत है। इंदौर और भोपाल जैसे शहरी केंद्रों के आईटी, शिक्षा और रियल एस्टेट के केंद्र के रूप में उभरने के बावजूद मध्य प्रदेश (38.8 प्रतिशत) के जीवीए में सेवाओं की हिस्सेदारी कम है।

First Published : November 3, 2025 | 10:11 PM IST