अधिकांश भारतीय अब भी रिटायरमेंट के लिए आवश्यक धनराशि का सही अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की ‘इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी (IRIS) 5.0’ के अनुसार, हर 10 में से 7 भारतीयों का मानना है कि रिटायरमेंट के बाद आरामदायक जीवन के लिए 1 करोड़ रुपये पर्याप्त होगा।
अध्ययन से पता चलता है कि वित्तीय तैयारियों के बारे में जागरूकता अभी भी कम है, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत का कुल IRIS स्कोर 2022 में 44 से बढ़कर 2025 में 48 पर पहुंच गया है। यह सुधार बेहतर फिटनेस आदतों, नियमित हेल्थ चेकअप और व्यापक बीमा कवरेज को दर्शाता है। हालांकि, यह इंडेक्स पिछले साल के 49 अंकों से थोड़ा घटकर 48 पर आ गया है, जो दर्शाता है कि वित्तीय आत्मविश्वास अब स्थिर स्तर पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भले ही वित्तीय आत्मविश्वास स्थिर बना हुआ है, लेकिन रिटायरमेंट के लिए जरूरी कॉपर्स के बारे में जागरूकता अभी भी कम है।”
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सर्वे में शामिल आधे उत्तरदाताओं का मानना है कि रिटायरमेंट की प्लानिंग 35 वर्ष की उम्र से पहले ही शुरू कर देनी चाहिए, और यह प्रक्रिया आदर्श रूप से कमाई शुरू होते ही शुरू होनी चाहिए।
हालांकि, कई लोग अब भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि शुरुआत कैसे करें, जिससे यह पता चलता है कि वित्तीय साक्षरता (financial literacy) और पेशेवर सलाह (professional advice) की आवश्यकता कितनी जरूरी है।
इस सर्वे में 25 से 65 वर्ष आयु वर्ग के 2,242 लोगों को शामिल किया गया था, जो 28 शहरों से थे। इनमें से 50 फीसदी लोग वेतनभोगी (salaried) थे, जबकि शेष स्वरोजगार (self-employed) थे, जिनकी वार्षिक आय ₹5 लाख या उससे ज्यादा थी।
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एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुमित मदान ने कहा कि यह रिपोर्ट दिखाती है कि लोग अब ज्यादा समझदारी और योजनाबद्ध तरीके से रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जब लोगों की सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, तो अगला कदम होना चाहिए — पर्याप्त रिटायरमेंट फंड बनाना और मानसिक रूप से मजबूत रहना।
रिपोर्ट में उभरते वर्गों जैसे गिग वर्कर्स, महिलाएं और लौटकर आए प्रवासी (returning migrants) पर भी रोशनी डाली गई है, जिनके लिए बुढ़ापे के लिए बचत करना एक अलग तरह की चुनौती है। पहली बार, लौटकर आए प्रवासियों को एक अलग श्रेणी के रूप में अध्ययन किया गया, जिससे यह समझने में मदद मिली कि स्थानांतरण (relocation) के बाद वे स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन कैसे करते हैं।
(एंजेसी इनपुट के साथ)