LIC MF Consumption Fund: एलआईसी म्युचुअल फंड ने कंजम्पशन थीम पर आधारित अपनी नई थीमैटिक इक्विटी स्कीम — एलआईसी एमएफ कंजम्पशन फंड को बाजार में उतारा है। यह फंड भारत के उपभोग (consumption) और उससे जुड़े विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियों में निवेश करेगा। यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 31 अक्टूबर 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। निवेशक 14 नवंबर, 2025 तक इस नए फंड में पैसा लगा सकते हैं। फंड हाउस ने कहा कि इस फंड की शुरुआत भारत के बदलते उपभोग परिदृश्य के अनुरूप है, जिसे बढ़ती आय, शहरीकरण, डिजिटल अपनाने और जनसांख्यिकीय मजबूती जैसे कारक आगे बढ़ा रहे हैं।
फंड का नाम – एलआईसी एमएफ कंजम्पशन फंड
फंड टाइप – ओपन-एंडेड थीमैटिक इक्विटी स्कीम
NFO ओपन डेट – 31 अक्टूबर, 2025
NFO क्लोजिंग डेट – 14 नवंबर, 2025
मिनिमम लंपसम निवेश – ₹5,000 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में
मिनिमम SIP निवेश – रोजाना ₹100, मंथली ₹200 और तिमाही ₹1,000
लॉक इन पीरियड – कुछ नहीं
एग्जिट लोड – निवेश की कुल राशि के 12% से ज्यादा यूनिट्स के रिडेम्पशन (निकासी) पर, यदि यह 90 दिनों के भीतर किया जाता है, तो 1% का शुल्क लिया जाएगा।
बेंचमार्क – NIFTY India Consumption TRI
रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा (Very High)
फंड मैनजर – सुमित भटनागर और करण दोशी
एलआईसी म्युचुअल फंड ने बताया कि यह फंड उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग से लाभ लेने के लिए तैयार सेक्टर्स पर फोकस करेगा। फंड हाउस के मुताबिक, इस स्कीम की 80% से 100% तक की राशि उन इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी कंपनियों में निवेश की जाएगी जो कंजम्पशन थीम का पालन करती हैं। इसके अलावा, 0% से 20% तक का निवेश उन अन्य कंपनियों की इक्विटी या संबंधित साधनों में किया जा सकता है जो इस थीम के अंतर्गत नहीं आतीं। साथ ही, 0% से 20% तक का निवेश डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में और 0% से 10% तक का निवेश REITs और InvITs द्वारा जारी यूनिट्स में किया जा सकता है।
स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह स्कीम एक्टिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगी। फंड हाउस ने अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी को अपलिफ्ट (UPLIFT) का नाम दिया है। इसमें विकास के 6 प्रमुख कारकों — शहरीकरण (Urbanization), गुणवता संवर्धन (Premiumization), जीवनशैली में सुधार (Lifestyle Upgrades), आय में वृद्धि (Income Growth), औपचारीकरण एवं समेकन (Formalization & Consolidation) और तकनीक और डिजिटलीकरण (Technology & Digitization) — पर फोकस किया गया है।
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म्युचुअल फंड हाउस मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लोगों के खर्च करने के तरीके अब बदल रहे हैं। लोगों की आय बढ़ रही है, शहरों में तेजी से लोग बस रहे हैं और सरकारी नीतियों से अर्थव्यवस्था अधिक संगठित हो रही है। इससे पूरे देश में एक बड़ा और साझा बाजार बन रहा है। जब दुनिया भर के बाजार अस्थिर हैं, भारत एक अच्छा और सुरक्षित निवेश का मौका देता है। दुनिया का सबसे बड़ा और युवा कार्यबल (workforce) वाला देश होने के कारण भारत को अन्य उम्रदराज देशों की तुलना में फायदा मिलता है। इसका मतलब है कि यहां बड़ी और लगातार बदलती हुई उपभोक्ता संख्या है।
भारत में उपभोग पहले ही GDP का 60% से ज्यादा हिस्सा बनाता है और यह घरेलू अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। अब लोग सिर्फ जरूरी चीजों पर नहीं बल्कि लक्जरी, डिस्क्रिशनरी और प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर भी खर्च कर रहे हैं।
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कंजम्पशन फंड लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बेहतर माने जाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो पांच साल या उससे ज्यादा समय तक निवेश करना चाहते हैं। फंड हाउस के मुताबिक,
हाल ही में जीएसटी दरों में बड़ी कटौती से कंजम्प्शन में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस थीम पर निवेशकों की रुचि भी बढ़ गई है। ऐसे माहौल में यह फंड निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की जानकारी दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)