जेफ्री एपस्टीन | फोटो क्रेडिट: ब्लूमबर्ग
Epstein Files: अमेरिका के न्याय विभाग ने लंबे समय से प्रतीक्षित जैफ्री एपस्टीन से जुड़े रिकॉर्ड सार्वजनिक किए हैं। लेकिन इन दस्तावेजों में कई महत्वपूर्ण जानकारियां गायब होने के कारण मामले की गुत्थी अब भी पूरी तरह सुलझी नहीं है।
प्रकाशित दस्तावेजों की संख्या लाखों पन्नों में है, लेकिन इनमें एपस्टीन के अपराधों या उस समय उन्हें गंभीर संघीय अभियोजन से बचाने वाले फैसलों के बारे में नई जानकारी बहुत कम है। खासकर एफबीआई के सर्वाइवर साक्षात्कार और आंतरिक विभागीय मीमो गायब हैं, जो यह समझने में मदद कर सकते थे कि जांचकर्ता इस मामले को कैसे देख रहे थे और 2008 में उन्हें क्यों केवल मामूली राज्य स्तरीय प्रॉस्टिट्यूशन आरोपों में दोषी ठहराया गया।
दस्तावेजों में कुछ प्रमुख नामों का भी उल्लेख नहीं है, जिनका एपस्टीन से लंबा संबंध माना जाता रहा है, जैसे ब्रिटेन के पूर्व प्रिंस एंड्रयू। इससे यह सवाल फिर उठता है कि किन लोगों की जांच हुई और किनकी नहीं, और ये खुलासे जनता की जवाबदेही के लिए कितने कारगर हैं।
नई जानकारियों में यह सामने आया है कि 2000 के दशक में न्याय विभाग ने एपस्टीन की एक जांच छोड़ दी थी, जिससे वह केवल राज्य स्तरीय मामूली आरोप में दोषी ठहरा। इसके अलावा, 1996 में एक नई शिकायत भी मिली है, जिसमें एपस्टीन पर बच्चों की तस्वीरें चोरी करने का आरोप था।
दस्तावेजों में न्यूयॉर्क और यू.एस. वर्जिन आइलैंड्स में एपस्टीन के घरों की कई तस्वीरें भी शामिल हैं, साथ ही कुछ सेलिब्रिटी और राजनेताओं की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
बिल क्लिंटन के कुछ नए और पहले कभी न दिखाई गए फोटो सामने आए हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप के बहुत कम फोटो ही दिखे। दोनों का नाम जेफ्री एप्स्टीन के साथ जुड़ा रहा है, लेकिन बाद में दोनों ने इन रिश्तों से दूरी बना ली। हालांकि, किसी पर भी एप्स्टीन से जुड़े अपराध में संलिप्त होने का आरोप नहीं है और यह फोटो किसी आपराधिक मामले में सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं हुए।
सप्ताहांत में कांग्रेस ने सारी जानकारी सार्वजनिक करने की अंतिम तारीख दी थी, लेकिन न्याय विभाग ने कहा कि दस्तावेज़ क्रमिक रूप से जारी किए जाएंगे। विभाग का कहना है कि पीड़ितों की पहचान छुपाना और अन्य संवेदनशील जानकारियां सुरक्षित करना समय लेने वाला काम है। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी दस्तावेज़ कब जारी होंगे।
इस निर्णय से एप्स्टीन के पीड़ित और कुछ सांसद नाराज हैं, जिन्होंने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून पास करवाया था। शुक्रवार को दस्तावेज जारी होने के बाद भी मामलों की पूरी तस्वीर देखने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
मरीना लैसेर्डा, जो बताती हैं कि एप्स्टीन ने न्यूयॉर्क के अपने घर में उनकी 14 साल की उम्र में यौन उत्पीड़न किया, कहती हैं, “मुझे लगता है कि फिर से न्याय विभाग हमें न्याय देने में असफल हो रहा है।”
2019 में न्यूयॉर्क के फेडरल अभियोजकों ने एप्स्टीन पर सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप लगाए थे, लेकिन गिरफ्तार होने के बाद जेल में उसने आत्महत्या कर ली।
अभी जारी किए गए दस्तावेज बहुत कम हैं, जबकि न्याय विभाग के पास लाखों पेज के रिकॉर्ड हैं। डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांश ने बताया कि मैनहट्टन के फेडरल अभियोजकों के पास एप्स्टीन और उनकी करीबी घिस्लेन मैक्सवेल के खिलाफ सेक्स ट्रैफिकिंग जांच के 36 लाख से ज्यादा दस्तावेज हैं, जिनमें से कई पहले एफबीआई द्वारा दिए जा चुके थे।
हाल ही में कई ऐसे दस्तावेज़ सार्वजनिक किए गए हैं जो अब तक सिर्फ अदालत, कांग्रेस या सूचना के अधिकार (RTI) के माध्यम से ही सामने आए थे। अब ये सभी रिकॉर्ड एक ही जगह मुफ्त में जनता के लिए उपलब्ध हैं।
नए दस्तावेजों में अक्सर जरूरी जानकारी गायब या ब्लैकआउट की हुई थी। उदाहरण के लिए, एक 119-पन्नों का दस्तावेज, जिसे “Grand Jury-NY” के रूप में चिह्नित किया गया है, पूरी तरह ब्लैक किया गया था। यह दस्तावेज संभवत: 2019 में एपस्टीन और 2021 में मैक्सवेल के खिलाफ लगाए गए संघीय सेक्स ट्रैफिकिंग केस से संबंधित है।
कुछ रिकॉर्ड में दिखाई देने वाली तस्वीरें भी विवादों में आई हैं। इनमें क्लिंटन की माइकल जैक्सन और डायना रॉस के साथ तस्वीरें, एपस्टीन की क्रिस टकर और केविन स्पेसी के साथ, और यहां तक कि टीवी न्यूज़कास्टर वॉल्टर क्रॉनकाइट के साथ तस्वीरें शामिल हैं। हालांकि इन तस्वीरों के साथ कोई कैप्शन नहीं था और यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ये लोग एक साथ क्यों थे।
सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ यह दिखाते हैं कि संघीय जांचकर्ताओं के पास 2007 में एपस्टीन के खिलाफ मजबूत सबूत थे, लेकिन उस समय उन पर संघीय स्तर पर कोई आरोप नहीं लगाए गए।
पहली बार सार्वजनिक हुई ग्रैंड ज्यूरी की कार्यवाही की ट्रांसक्रिप्ट में एफबीआई एजेंट्स की गवाही शामिल है। उन्होंने बताया कि कई लड़कियों और युवतियों ने एपस्टीन के लिए यौन कार्य करने के लिए पैसे लेने की बात कही। सबसे छोटी पीड़िता केवल 14 साल की थी।
एक लड़की ने बताया कि जब उसने मसाज के दौरान एपस्टीन के एडवांस का विरोध किया, तो उसने यौन उत्पीड़न का सामना किया। वहीं 21 साल की एक लड़की ने बताया कि एपस्टीन ने उसे 16 साल की उम्र में यौन मसाज करने के लिए काम पर रखा था और बाद में उसने अन्य लड़कियों को भी इसमें शामिल किया। वह लड़की बताती है, “मैं हर लड़की के लिए $200 पाती थी। ज्यादातर वे मेरी हाई स्कूल की परिचित थीं। मैंने उन्हें कहा कि अगर वे कम उम्र की हैं तो झूठ बोलकर 18 साल कह दें।”
दस्तावेज़ों में यह भी ट्रांसक्रिप्ट शामिल है जिसमें अमेरिकी अटॉर्नी अलेक्जेंडर अकॉस्टा से सवाल किए गए। उन्होंने उस समय संघीय आरोप न लगाने का कारण बताया। अकॉस्टा, जो ट्रम्प के पहले कार्यकाल में श्रम सचिव थे, ने कहा कि यह देखा गया कि क्या जूरी एपस्टीन की शिकायतों पर विश्वास करेगी या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि मामला सेक्स ट्रैफिकिंग और वेश्यावृत्ति के बीच था, जो आमतौर पर राज्य स्तर पर देखा जाता है, इसलिए संघीय जांच में हिचकिचाहट हुई।
अकॉस्टा ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि यह नजरिया सही था। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में लोग बचे हुए पीड़ितों को अलग नजरिए से देखेंगे।
अकॉस्टा ने यह भी बताया कि पीड़ितों के लिए होने वाली शर्मिंदगी और दोषारोपण में अब काफी बदलाव आ गए हैं।