facebookmetapixel
सरकार को घरेलू विनिर्माण को स्वार्थी ताकतों से बचाना चाहिएEditorial: विषाक्त कफ सिरप से बच्चों की मौत ने नियामकीय सतर्कता पर उठाए सवालभारतीय IT कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा मसला एक झटका, लेकिन यहां अवसर भीवित्त वर्ष 27 तक घरेलू गैस की मांग बढ़ेगी, कीमतों में आएगी कमी: राजेश मेदिरत्ता2050 तक भारत में तेल की मांग दोगुनी होकर 90 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमानभारत-चिली वार्ता तेजी से आगे बढ़ रहा, 2025 तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्यमहिंद्रा ऐंड महिंद्रा : पूरी रफ्तार से दौड़ रही बोलेरो की उत्पादन क्षमतासितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ासरकार GST 3.0 के तहत रिफंड प्रक्रिया को स्वचालित करने की तैयारी कर रही, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोरभारत प्रतिस्पर्धा आयोग ने AI में स्व-ऑडिट की वकालत की, कहा: इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगा

Bihar Election 2025: 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा मतदान, 14 नवंबर को आएंगे परिणाम

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव तिथि की घोषणा की, दो दशकों में पहली बार केवल 2 चरणों में होगा मतदान

Last Updated- October 06, 2025 | 10:39 PM IST
Bihar Assembly Election 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

बिहार विधान सभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (सीईसी) ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में दो चरणों 6 नवंबर और 11 नवंबर को विधान सभा चुनाव होंगे और मतगणना 14 नवंबर को होगी।

पिछले लगभग दो दशकों से अधिक समय में राज्य में पहली बार केवल दो चरणों में चुनाव आयोजित कराए जाएंगे। कम से कम 15 नवंबर 2000 को राज्य के विभाजन के बाद यह पहला मौका है।

बिहार विधान सभा चुनाव में 7.47 करोड़ मतदाता और 8.5 लाख चुनाव कर्मी भाग लेंगे। सीईसी ने बिहार विधान सभा चुनाव को ‘सभी चुनावों की जननी’ बताया।

पांच साल पहले 2020 में विधान सभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे। राज्य में 2015 में विधान सभा चुनाव पांच चरणों, 2010 में छह चरणों और 2005 में फरवरी और अक्टूबर में क्रमशः तीन और चार चरणों में संपन्न कराए गए थे।

सीईसी ने कम चरणों में चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के इस फैसले का श्रेय मतदाताओं की जागरूकता, बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थिति और केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों की उपलब्धता को दिया। 4 और 5 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आए सीईसी से राजनीतिक दलों ने कम से कम चरणों में मतदान कराने का अनुरोध किया था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनाव कम चरणों में संपन्न कराने की कोशिश की है। 2024 में चुनाव कार्यक्रम लंबा खिंचने से भीषण गर्मी में काफी दिक्कतें पेश आई थीं और कई चुनाव अधिकारियों एवं कर्मियों की मौत भी हो गई थी।

वर्तमान बिहार विधान सभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा ‘विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)’ आयोजित करने के बाद यह पहला चुनाव होगा। एसआईआर के दौरान राज्य की मतदाता सूची से 68.5 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया और बाद में 21.53 लाख मतदाताओं के नाम जोड़े गए थे। कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग देश के बाकी हिस्सों में एसआईआर आयोजित करने का फैसला पहले ही कर चुका है और चुनाव समिति राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हिसाब से कार्यक्रम तय करने के लिए बैठक करेगा।

आयोग के अनुसार एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में अगली सुनवाई मंगलवार को है। सीईसी ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची से उन लोगों के नाम हटाए गए हैं जो मृत पाए गए या जो अपनी नागरिकता साबित नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि उन लोगों के नाम भी हटाए गए जिनके नाम दो क्षेत्रों में थे या बिहार से बाहर चले गए थे। हालांकि, उन्होंने प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग आंकड़े नहीं दिए। सीईसी ने उच्चतम न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि आधार जन्म तिथि या अधिवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं है। बिहार चुनाव कार्यक्रम के अनुसार राज्य की कुल 243 विधान सभा सीटों में 121 में पहले चरण में 6 नवंबर को और बाकी 122 में 11 नवंबर को मतदान होगा। सीईसी के रूप में कुमार के पदभार संभालने के बाद यह पहला चुनाव है। डाक मतपत्रों के सवाल पर कुमार ने कहा,‘वोटों की गिनती के अंतिम दो दौर से पहले डाक मतपत्रों की गिनती पूरी करना अनिवार्य है।’

मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज साझा करने के सवालों पर कुमार ने कहा कि इस तरह के फुटेज संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा साझा किया जाते हैं जहां किसी विशेष चुनाव के परिणाम के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की जाती है।

First Published - October 6, 2025 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट