facebookmetapixel
फाइजर-सिप्ला में हुई बड़ी साझेदारी, भारत में प्रमुख दवाओं की पहुंच और बिक्री बढ़ाने की तैयारीगर्मी से पहले AC कंपनियों की बड़ी तैयारी: एनर्जी सेविंग मॉडल होंगे लॉन्च, नए प्रोडक्ट की होगी एंट्रीमनरेगा की जगह नए ‘वीबी-जी राम जी’ पर विवाद, क्या कमजोर होगी ग्रामीण मजदूरों की ताकत?1 फरवरी को ही आएगा 80वां बजट? रविवार और रविदास जयंती को लेकर सरकार असमंजस मेंसिनेमाघरों में लौटी रौनक: बॉक्स ऑफिस पर 11 महीनों में कमाई 18% बढ़कर ₹11,657 करोड़ हुईघने कोहरे की मार: इंडिगो-एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को हुई परेशानीश्रीराम फाइनैंस में जापान का अब तक का सबसे बड़ा FDI, MUFG बैंक लगाएगा 4.4 अरब डॉलरRBI की जोरदार डॉलर बिकवाली से रुपये में बड़ी तेजी, एक ही दिन में 1.1% मजबूत हुआ भारतीय मुद्राअदाणी एयरपोर्ट्स का बड़ा दांव: हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 5 साल में लगाएगी ₹1 लाख करोड़मोबाइल पर बिना इंटरनेट TV: तेजस नेटवर्क्स की D2M तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी

पूर्वोत्तर भारत की 8 पहाड़ी राज्यों के लिए आवंटित राशि में करीब दो तिहाई धन का इस्तेमाल नहीं: CGA

Last Updated- June 05, 2023 | 12:07 AM IST
India seeks $55 million from World Bank pandemic fund

लेखा महानियंत्रक (CGA) की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमान में पूर्वोत्तर (एनई) भारत में स्थित 8 पहाड़ी राज्यों के लिए आवंटित राशि में करीब दो तिहाई धन का इस्तेमाल नहीं हो पाया है।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के इलाकों के विकास पर खास जोर दे रही है। सीजीए के अनंतिम अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 के संशोधित बजट आवंटन 2,754 करोड़ रुपये में से मंत्रालय ने महज 989 करोड़ रुपये (35.9 प्रतिशत) इस्तेमाल किया है।

राजस्व एवं पूंजीगत व्यय दोनों का आवंटन कम रहा है, जो क्रमशः 32.4 प्रतिशत और 45.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय के तहत नॉन लैप्सेबल सेंट्रल पूल ऑफ रिसोर्सेज (एनएलसीपीआर) योजना पूर्वोत्तर इलाके में बुनियादी ढांचा संबंधी कमी पूरा करने के लिए प्रमुख योजना है। इसमें राज्य सरकारों की प्राथमिकताओं के मुताबिक परियोजनाओं को मंजूरी दी जाती है। आरई के तहत वित्त वर्ष 2023 में 1,233 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

मंत्रालय के तहत उत्तर पूर्वी परिषद बनाई गई है, जिसमें पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। परिषद केंद्र सरकार को बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं, राज्य के भीतर परिवहन और संचार पर सुझाव देती है। उत्तर पूर्वी परिषद को पिछले वित्त वर्ष में 666 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

उत्तर पूर्व मंत्रालय द्वारा धन का सबसे कम इस्तेमाल ऐसे समय हुआ है, जब वित्त वर्ष 2024 के केंद्रीय बजट में आवंटन 113 प्रतिशत बढ़ा दिया गया था। वित्त मंत्रालय ने इस साल फरवरी में वित्त वर्ष 24 के लिए 5,892 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

बजट में आवंटित राशि में पूंजीगत व्यय पर 4,093 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो वित्त वर्ष 23 में पूंजीगत व्यय पर खर्च किए गए 336 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 15 गुना ज्यादा है।

इस सप्ताह की शुरुआत में आए आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6.36 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो संशोधित अनुमान में 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था।

First Published - June 5, 2023 | 12:07 AM IST

संबंधित पोस्ट