भारत में H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से अब तक दो लोगों मौत की खबर सामने आई है। दो लोगों की मौत के बाद से इस बीमारी को लेकर चर्चा गंभीर हो गई है।
H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से एक मौत कर्नाटक में दर्ज की गई, जबकि H3N2 इन्फ्लूएंजा के कारण हरियाणा में दूसरी मौत हुई है। देश में अब तक H3N2 इन्फ्लुएंजा के कुल 90 मामले और H1N1 के आठ मामले सामने आए हैं।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा, ‘राज्य में इन्फ्लुएंजा ए H3N2 वेरिएंट वायरस के संक्रमण से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। लोगों को सावधानी बरतने के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और सभी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने का निर्देश देते हुए आदेश जारी किया जाएगा।’
बता दें इसके पहले, सुधाकर ने 6 मार्च को कहा था कि राज्य में 26 लोगों के एच3एन2 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं और इनमें से दो मामले बेंगलुरु से हैं। H3N2 इन्फ्लूएंजा के खतरे बताते हुए उन्होंने कहा कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को H3N2 वेरिएंट से ज्यादा खतरा है और यह वेरिएंट 60 साल से ऊपर के लोगों को भी संक्रमित करता है।
IMA ने एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर किया आगाह
दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर चेतावनी जारी की है। आआईएमए की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार तीन दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बरकरार रह सकती है।