बैंकिंग उद्योग के सूत्रों के आंकड़ों से पता चलता है कि पेटीएम यूपीआई के करीब 90 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं के खाते अन्य बैंकों से जुड़े हुए हैं। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जहां पेटीएम यूपीआई के करीब 9 करोड़ उपयोग कर्ता हैं, वहीं इनमें से 7.5 करोड़ ने अन्य यूपीआई ऐप भी इंस्टॉल कर रखे हैं। इस तरह से पेटीएम यूपीआई ऐप के विशेष उपयोगकर्ताओं की संख्या सिर्फ 1.5 करोड़ ही है।
इससे पता चलता है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बद नई जमाएं स्वीकार करने या क्रेडिट लेनदेन करने से रोकने का जो निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लिया है, उसका पूरे भुगतान तंत्र पर सीमित प्रभाव ही पड़ सकता है।
दरअसल, पेटीएम यूपीआई ऐप उपयोगकर्ताओं में सिर्फ 10 प्रतिशत के पास ही पूरी तरह से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ बैंक खाता है। शेष 80 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं के कई अन्य बैंकों के साथ भी खाते हैं।
3.15 करोड़ बचत खातों में 1.4 करोड़ बंद हो चुके हैं। पेटीएम पीबी के 35 करोड़ वॉलेट में से 30 करोड़ के खातों में जीरो बैलेंस है। सिर्फ 5 करोड़ बचत खातों में ही राशि है और वे पिछले एक साल से सक्रिय हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड के एक ईमेल सवाल के जवाब में पेटीएम पीबी के अधिकारी ने कहा, ‘आपके द्वारा साझा की गई जानकारी पूरी तरह गलत है। हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड नियामक की निगरानी में है।’
पेटीएम पेमेंट्स बैंक करीब दो साल से नियामकीय जांच से जूझ रहा है। आरबीआई ने उसे मार्च 2022 में नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया। घटनाक्रम से अवगत लोगों का कहना है कि केवाईसी प्रक्रियाओं में बड़ी गड़बड़ियां पाई गई थीं जिससे जमाकर्ताओं समेत ग्राहकों के लिए खतरा हो गया।
ज्यादातर खातों में केवाईसी, पैन प्रमाणन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था और सैकड़ों मामले ऐसे भी पाए गए जिनमें एक पैन 100 से ज्यादा ग्राहकों से जुड़ा हुआ था।
जहां तक व्यावसायिक प्रभाव का सवाल है, पेटीएम सेवाएं इस्तेमाल करने वाले 70 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं के खाते पेटीएम पीबी के अलावा भी हैं। करीब 10 लाख चालू खाते पेटीएम पीबी से जुड़े हुए हैं।
जहां नियामक ने 15 मार्च के बाद से जमाओं और ऋण के लेनदेन पर रोक लगा दी है, वहीं ग्राहकों को बचत बैंक खातों, चालू खातों, फास्टैग, नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में पेटीएम पीबी में उपलब्ध शेष राशि की निकासी या उपयोग करने की अनुमति दी है।
बैंक नियामक अब या तो पेमेंट बैंक का लाइसेंस रद्द कर सकता है या बैंक के बोर्ड को हटा सकता है और प्रशासक नियुक्त कर सकता है।
क्या यूपीआई/आईएमपीएस के जरिये पैसे निकाल सकता हूं- हां।
क्या यूपीआई/आईएमपीएस के जरिये पैसे जमा सकता हूं- नहीं।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक में मेरा वेतन जमा हो सकता है- नहीं।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक से मेरे खाते से बिजली बिल, ओटीटी सबस्क्रिप्शन पहले की
तरह स्वत: कटता रहेगा- जमा तक शेष राशि होगा, जमा करने की अनुमति नहीं है।
क्या मैं पेटीएम पेमेंट्स बैंक की शेष राशि दूसरे खाते में हस्तांतरित कर सकता हूं- हां।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और एनसीएमसी आगे भी काम करेगा – हां, जब तक उसमें राशि बची होगी।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और एनसीएमसी को रीचार्ज कर सकता हूं- नहीं, आपको नया लेना होगा।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और एनसीएमसी की राशि को दूसरे फास्टैग में हस्तांतरित कर सकता हूं- नहीं, रिफंड के लिए बैंक को अनुरोध करना होगा।
क्या दूसरे बैंक खाते से जुड़ा पेटीएम क्यूआर, साउंडबॉक्स और पीओएस काम करेगा- हां।
क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते से जुड़ा पेटीएम क्यूआर, साउंडबॉक्स और पीओएस काम करेगा- नहीं, दूसरे बैंक का क्यूआर कोड लेना होगा।