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बीमाकर्ताओं की चिंता पर चल रहा विचार

Last Updated- February 20, 2023 | 11:27 PM IST
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वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि 5 लाख रुपये और उससे ज्यादा प्रीमियम की पॉलिसियों को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। बजट में इस उच्च मूल्य की पॉलिसियों पर कर लगाने की घोषणा की गई थी और जीवन बीमा उद्योग ने इस मामले में राहत की मांग की थी। अधिकारी ने कहा कि इस मसले पर अभी विचार चल रहा है, लेकिन अंतिम फैसला होना बाकी है।

इस साल केंद्र सरकार ने बजट में प्रस्ताव किया है कि ज्यादा मूल्य की जीवन बीमा पॉलिसियों (यूनिट लिंक्ड प्लान के अतिरिक्त) को कर प्रक्रिया में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। इसका मकसद है कि आयकर अधिनियम की धारा 10 (10डी) के माध्यम से उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों का इस्तेमाल कर अमीर व्यक्तियों द्वारा कर छूट लेने से रोका जा सके।

इस घोषणा के बाद से जीवन बीमा उद्योग ने विभिन्न मंचों से कहा था कि अमीर लोगों (एचएनआई) पर कर लगाने का विचार व्यापक हिसाब से सही है, लेकिन 5 लाख रुपये का बीमा कराने वाले लोगों को एचएनआई की श्रेणी में डालने को लेकर सहमत नहीं हैं। उद्योग ने सरकार से मांग की थी कि यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाए।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘इसकी जांच की जा रही है। इसे बजट में पेश किया गया था और उद्योग ने कुछ सुझाव दिए हैं जिनकी जांच की जा रही है। उद्योग ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं, जिसे समय पर जारी कर दिया जाएगा। लेकिन बड़ा मसला प्रीमियम की 5 लाख सीमा है, जिस पर हमने उद्योग के विचार सुने हैं।’

बहरहाल अधिकारी ने कहा कि उनके आकलन के मुताबिक सरकार के इस कदम का उद्योग पर कोई महत्त्वपूर्ण असर पड़ने की संभावना नहीं है। उपरोक्त उल्लिखित व्यक्ति ने कहा, ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनकी चिंता पर विचार नहीं कर रहे हैं। अभी भी उद्योग द्वारा उठाए विभिन्न मसलों पर चर्चा चल रही है।’

First Published - February 20, 2023 | 11:27 PM IST

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