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वित्त वर्ष 26 के अंत में शीर्ष पर होगा एनपीएल

सूक्ष्म ऋण क्षेत्र में गैर निष्पादित ऋण (एनपीएल) अनुपात 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अंत तक उच्च स्तर पर पहुंचने की आशंका है।

Last Updated- March 26, 2025 | 10:23 PM IST
बैंकों की मांग: ग्रीन फाइनैंसिंग पर रियायतें मिलें, प्राथमिकता क्षेत्र के नियमों में संशोधन हो, Lenders seek better terms for increasing green, sustainable financing

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ने बुधवार को कहा कि भारत के माइक्रोफाइनैंस संस्थानों के लिए अप्रैल 2025 से लागू होने जा रहे सख्त ऋण मानदंडों से परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव पर अंकुश लगेगा। सूक्ष्म ऋण क्षेत्र में गैर निष्पादित ऋण (एनपीएल) अनुपात 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अंत तक उच्च स्तर पर पहुंचने की आशंका है।

माइक्रोफाइनैंस संबंधी नियमन आसान होने के कारण भारत के सबसे गरीब तबके में शामिल लोगों ने हाल के वर्षों में कर्ज लेना बढ़ा दिया था। अब इस सेक्टर में फिर सख्ती कर दी गई है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि इस तरह के नियामकीय उतार-चढ़ाव उच्च जोखिम और ज्यादा मुनाफे वाले ऋण क्षेत्र की मुख्य विशेषता बने रहेंगे। 2022 में माइक्रोफाइनैंस ऋण की दरों में विनियमन समाप्त होने से ऋण में अचानक बहुत तेजी आई क्योंकि यह ऋणदाताओं के लिए अत्यधिक आकर्षक हो गया।

इस तेजी को देखते हुए उद्योग के स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) माइक्रोफाइनैंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) ने अगस्त 2024 में कड़े उधारी नियम लागू करना शुरू कर दिया। तब से इस क्षेत्र में उधार देने में कमी आई है।

First Published - March 26, 2025 | 10:04 PM IST

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