मेरी नियोक्ता कंपनी मुझे हर रोज फूड कूपन देती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 250 रुपये तक का फूड कूपन मिलता था। लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के लिए इसे बढ़ा कर 350 रुपये कर दिया गया है।
क्या यह लाभ कर के दायरे से मुक्त है ? – चेरिल आहूजा, बांद्रा
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी उस स्थिति में कर से मुक्त हैं जब उन्हें नॉन-ट्रांसफरेबल फूड कूपन फूड आउटलेटों पर जारी किए जाते हैं। कानून के मुताबिक इस राशि पर कोई सीमा तय नहीं की गई है जिसे ऐसे कूपनों के जरिये चुकाया जा सके। इसी तरह नियोक्ता इस पर फ्रिंज बेनीफिट टैक्स (एफबीटी) भी नहीं लगा सकता है। इसलिए कूपन राशि में बढ़ोतरी आपके या आपकी कंपनी के लिए कर से संबद्ध नहीं है।
मेरी पत्नी प्रति वर्ष निवेश और कुकिंग क्लास के जरिये तकरीबन 1 लाख रुपया कमाती है। क्या उसे कर चुकाना चाहिए या फिर उसकी आमदनी मेरी 3 लाख रुपये की अन्य आमदनी से संबद्ध होगी? आय कर रिटर्न फाइल करते वक्त इसके लिए किन तथ्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ? – के. एल. अरोड़ा, ईमेल से
आपकी पत्नी की आय पर करदेयता उसके निवेश के स्रोत पर निर्भर करेगी। यदि यह धन आपने उसे गिफ्ट में दिया है तो उसकी आय आपकी आमदनी के साथ जोड़ कर देखी जाएगी। आपको इस पर आय कर चुकाना होगा। कुकिंग क्लास से प्राप्त होने वाली उसकी आय पर कर लगेगा।
यदि धन राशि उसके माता-पिता, संबंधियों आदि की ओर से उसकी शादी के रूप में दी जाती है तो इसे प्राप्त करने पर उसे कर देना होगा। पिछले वित्तीय वर्ष के लिए 1.45 लाख रुपये तक और वित्तीय वर्ष 2008-09 के लिए महिला करदाताओं के लिए 1.85 लाख रुपये की आय को कर के दायरे से बाहर रखा गया है। इसलिए यह आय कर छूट की न्यूनतम सीमा से भी नीचे है। जब उसकी आय कर के दायरे में आएगी, उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।
मैं एक वेतनभोगी व्यक्ति हूं और मेरे नियोक्ता ने कॉस्ट टु कंपनी (सीटीसी) और कटौती का उल्लेख किया है। मैं यह जानना चाहता हूं कि सीटीसी से कितनी कटौती की अनुमति है ? – नीलेश शाह, सूरत
यह कटौती आपकी सीटीसी के कंपोनेंट्स पर आधारित होगी। उदाहरण के लिए, ग्रैच्युटी, पेंशन और पीएफ भविष्य निधि (पीएफ) सामान्यत: सीटीसी में शामिल हैं, जिन्हें प्राप्त करने पर कर्मचारी को कोई कर नहीं चुकाना पड़ता है।
वेतनभोगी व्यक्ति के लिए बेसिक पे और मंहगाई भत्ते को कर के दायरे में रखा गया है। जिन भत्तों की राशि पर छूट प्रदान की गई है, उनमें शामिल हैं : 9600 रुपये प्रति वर्ष तक का यात्रा भत्ता, कुछ निश्चित शर्तों एवं सीमाओं के तहत मकान किराया भत्ता, लीव ट्रैवल अलाउंसेस, प्रत्येक बच्चे के लिए 1200 रुपये प्रति वर्ष तक का बाल शिक्षा भत्ता और प्रति वर्ष चिकित्सा के लिए 15,000 रुपये तक की अदायगी।
इसके अलावा प्राप्त होने वाले अन्य लाभ सामान्य तौर पर कर के दायरे में शामिल हैं। कर का भार पीएफ, पीपीएफ, एनएससी और ईएलएसएस जैसे कर बचत उपायों से कम किया जा सकता है। वेतनभोगी स्वयं या अपने परिवार के लिए चिकित्सा बीमा को अपना कर भी कर के भार को कम किया जा सकता है। वेतनभोगी सेक्शन 80डी के तहत चिकित्सा बीमा पर राशि खर्च कर 15,000 रुपये तक की अतिरिक्त कर बचत कर सकता है।
मेरे पिता ने लगभग 10 वर्ष पहले ब्लू-चिप कंपनियों के शेयर खरीदे थे। इन शेयरों का स्वामित्व हाल ही में मुझे स्थानांतरित किया गया है। यदि मैं अगले एक वर्ष में इन शेयरों को बेचता हूं तो क्या इससे मेरी आय पर कर लगेगा? क्या मैं इन शेयरों को अपने उस संबंधी को एक ऑफ-मार्केट डील के तहत बेच सकता हूं जो मुझे अधिक कीमत देने को इच्छुक है? – ज्योत्सना कोटियान, ऐरोली
आय कर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (42ए) के तहत आपके पिता द्वारा 10 वर्षों तक शेयर रखे जाने के बाद आपके द्वारा इसकी बिक्री से होने वाला पूंजी लाभ दीर्घावधि के रूप में होगा और धारा 10 (38) के तहत छूट के योग्य होगा। लेकिन ऑफ-मार्केट डील के जरिये शेयरों की बिक्री पर कर लगेगा। इसलिए आपको सही सलाह यही है कि आप ऐसा करने से परहेज करें।
वित्त सलाहकार चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं