टेलीकॉम सेवा प्रदात्ता कंपनियों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के सहारे गुड़गांव स्थित न्यू टेक इंडिया (टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन प्रदात्ता कंपनी) के राजस्व में पिछले तीन साल के भीतर कुल 46 फीसदी की दर से इजाफा दर्ज किया है।
कंपनी उम्मीद कर रही है कि वह 35 से 40 फीसदी की दर से विकास करेगी क्योंकि दूरसंचार आपरेटर और स्वतंत्र टॉवर कंपनियां टॉवरों की संख्या को दोगुनी कर रही हैं। दिसंबर 2007 में जहां टॉवरों की संख्या 1.72 लाख थी वहीं मार्च 2010 तक इनकी संख्या को 3.54 लाख हो जाने की संभावना है।
इसके अलावा थ्री जी और दूसरी अन्य मूल्य वर्धित सेवाओं में इजाफा और अंदरूनी मैकेनिज्म में विस्तार का मतलब है कि और ज्यादा सेल साइट्सों की जरूरत होगी। इस स्थिति में न्यू टेक जैसी कंपनियों के लिए और ज्यादा अवसर मिलेंगे। साथ ही सब्सक्राइबर बेस की बात करें तो यह 40 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है और इसका मतलब है कि अब इनकी संख्या 30 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ तक हो जाएगी।
खासकर घटती शुल्क दरों, कम एंट्री दरों सहित सेवा प्रदाताओं को मिलने वाली छूट से कंपनी को उम्मीद है कि विकास काफी तेजी से होगा। मालूम हो कि न्यू टेक टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को साल्यूशंस संबंधी सेवाएं सीधे प्रदान करती है जबकि औजार निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग कंपनियों को भी वह अप्रत्यक्ष रूप से सेवा प्रदान करती है। इस प्रकार यह कंपनी चार प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है जो इस प्रकार हैं। पहली तकनीकी सहायता, कार्यान्वयन और मरम्मत संबंधी सेवाएं, औजारों का एकीकरण और कमीशनिंग सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार संबंधी सेवाएं।
विकास के लिए निवेश
कंपनी ने आईपीओ कुल 45 लाख शेयरों के लिए जारी किया है। इसके 10 रुपए वाले शेयर की कीमत 170 रुपये से 190 रुपये के बीच तय की गई है। कंपनी कुल 35 लाख नए शेयर जारी करेगी जिससे प्रोमटरों की शेयरों की हिस्सेदारी को 53 फीसदी से कम होकर 42 फीसदी रह जाएगी।
शेष 10 लाख शेयरों की बिक्री एक रणनीतिक निवेश द्वारा की जाएगी और इसका पैसा कंपनी के पास नहीं आएगा। इस प्रकार कंपनी द्वारा कुल 60 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे जिनका इस्तेमाल कंपनी अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विस्तार में करेगी। कंपनी ने अपने विदेशी कारोबार में इजाफा करने के लिहाज से तुर्की में अपनी सेवाएं शुरू की हैं जबकि इसने एरिक्सन कंपनी के साथ भी एक सेवा सौदा किया है।
ऑपरेशंस
पिछले तीन सालों में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 57 फीसदी बढ़ा है जबकि कंपनी के शुद्ध मुनाफे का मार्जिन वित्तीय वर्ष 2008 में दोगुना हुआ है। परिचालन मार्जिन की बात करें तो यह इस अवधि में 23 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हुआ है। इस बारे में प्रबंधन का कहना है कि यह ग्रोथ कंपनी द्वारा अपने संसाधनों का भरपूर उपयोग करने से हुई है। यहां सेल साइटों के प्रसार का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि कंपनी पहले के मुकाबले ज्यादा संख्या में सेल साइटों को स्थापित करने से लेकर उनका कार्यान्वयन और मरम्मत कर सकी है।
परिचालन की संख्या ज्यादा होने के कारण इसकी बिक्रीजन्य और प्रशासनिक लागतें आधी हो गईं और महज वित्तीय वर्ष 2004 में ये सारे खर्च 5.6 करोड़ से तीन करोड़ हो गए। इसके अलावा कंपनी का दावा है कि एंड टू एंड प्लेयरों (यानी जो कंपनियां निर्माण से लेकर वितरण जैसी कई सेवाएं मुहैया करवाती हों) की कमी के कारण इसे अपने कीमतों और मार्जिन को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
कंपनी इसके अलावा अपने तकनीकी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश भी कर रहा है जो इस वक्त उसके राजस्व का 16 फीसदी है। कंपनी के कम अंतर वाले टर्नकी सॉल्यूशंस की बात करें जिससे कंपनी का समूचा कारोबार जुड़ा हुआ है, उससे कं पनी को कुल 57 फीसदी राजस्व मिलता है जो पिछले साल तक कुल 70 फीसदी था। वर्ष 2007 से इसके अलावा कंपनी ने अपने द्वारा दी जानेवाली सेवाओं की फेहरिस्त में ऑपरेशन्स और मेन्टेनेंस भी जोड़ी है जो कंपनी के लिए कुल 13 फीसदी का राजस्व जुटाता है।
मूल्यांकन
कंपनी के शेयर का वैल्यूएशन वित्तीय वर्ष 2008 की 15.4 रुपए की अर्निंग्स के हिसाब से 12.4 और11 गुना पर है। पिछले वित्तीय वर्ष 2007 के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष 2008 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा दोगुना हुआ है। आगे की बात की जाए तो कंपनी का राजस्व और कमाई भी मजबूत रहने की उम्मीद है। क्योंकि कंपनी के पास कुल 175 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक है। हालांकि कंपनी के लिए चुनौती अपने शुद्ध मुनाफे को बरकरार रख पाना है।
इसके अलावा कंपनी को बड़े प्रतियोगियों से करारी टक्कर मिल रही है। नई इक्विटी के आधार पर अगर 35 फीसदी के ग्रोथ की उम्मीद की जाए तो यह वित्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित कमाई 16.6 रुपये के 11.5 गुना और 10 गुना पर कारोबार करेगा। 197 रुपये पर जीटीएल के शेयर वित्तीय वर्ष 2008 की 14.82 की डाइल्यूटेड अर्निंग्स के हिसाब से 13.2 गुना पर उपलब्ध है।
इसका इश्यू भाव और जो प्रीमियम मांगा गया है वह कंपनी के आकार और कंपीटिशन को देखते हुए ज्यादा है, हालांकि अगले कुछ साल तक कंपनी की ग्रोथ बनाए रखने यानी रेवन्यू और लाभ कमाने की क्षमता पर कोई सवाल नहीं खडा किया जा सकता। इस आईपीओ भाव पर निवेशक के लिए मध्यम अवधि में कोई मुनाफा नहीं दिखता लेकिन दो से तीन साल के लिए इंतजार करने वाले और थोड़ा रिस्क लेने वाले इसमें पैसा लगा सकते हैं।
इश्यू खुलेगा: 29 जुलाई
इश्यू बंद होगा: 1 अगस्त