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ITC हटने से ₹15,000 करोड़ का बढ़ा बोझ! जीवन बीमा कंपनियां IRDIA को लिखेगी पत्र; डिस्ट्रीब्यूटर्स का कमीशन घटाने की योजना

यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब उद्योग ने पॉलिसीधारकों को बीमा उत्पाद अधिक किफायती बनाने के लिए जीएसटी दरों में कटौती का पूरा लाभ पहुंचाया है।

Last Updated- September 28, 2025 | 8:12 PM IST
Insurance

जीवन बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हटाए जाने से बढ़े वित्तीय बोझ को बांटने की तैयारी कर रही हैं। कंपनियां चाहती हैं कि इस असर का कुछ हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर्स पर डाला जाए, जिसके लिए उनके कमीशन में कटौती की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर बीमा कंपनियां भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) से अनुमति मांगेंगी। यह कदम व्यक्तिगत जीवन (individual life) और स्वास्थ्य बीमा (health insurance) प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) को शून्य करने के फैसले के बाद उठाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, कंपनियां इंडस्ट्री बॉडी लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के जरिए इस हफ्ते इरडा को पत्र भेजेंगी। इसमें उनकी चिंताओं को रखा जाएगा और सुझाव दिया जाएगा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट हटाए जाने के असर का एक हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर्स पर डाला जाए।

ITC हटने से ₹15,000 करोड़ का असर

यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब उद्योग ने पॉलिसीधारकों को बीमा उत्पाद अधिक किफायती बनाने के लिए जीएसटी दरों में कटौती का पूरा लाभ पहुंचाया है। जीवन बीमा उद्योग का अनुमान है कि आईटीसी हटाए जाने से करीब 15,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक, इसमें से कंपनियां लगभग 7,500-8,000 करोड़ रुपये का बोझ डिस्ट्रीब्यूटर्स पर कमीशन घटाकर डालना चाहती हैं।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम बीमा कंपनियों पर पड़ रहे असर को कुछ हद तक कम करेगा और उनकी मार्जिन की सुरक्षा में मदद करेगा।

IRDIA को कब तक भेजा जाएगा पत्र?

एक निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी के सीईओ ने कहा, “उद्योग का अनुमान है कि इसका असर करीब 15,000 करोड़ रुपये का होगा। काउंसिल के माध्यम से हम नियामक से अपील करेंगे कि इस बोझ का कुछ हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर्स पर डाला जाए। ज्यादातर बीमा कंपनियां इस योजना के समर्थन में हैं, हालांकि कुछ कंपनियां अभी भी सहमति नहीं जता रही हैं। इरडा को पत्र सोमवार या मंगलवार तक भेजे जाने की संभावना है।”

डिस्ट्रीब्यूटर पर ITC का बोझ डालना मुश्किल

एक उद्योग सूत्र ने कहा, “लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल कमीशन घटाने को लेकर चर्चा कर रहा है ताकि जीएसटी के असर को समायोजित किया जा सके और जल्द ही इस प्रस्ताव को इरडा के सामने रखा जा सकता है। आईटीसी से अनुमानित 15,000 करोड़ रुपये के असर में से करीब 7,500–8,000 करोड़ रुपये कमीशन से जुड़ा है, जिसे इंडस्ट्री डिस्ट्रीब्यूटर्स पर डालने की योजना बना रही है ताकि जीएसटी संशोधन का लाभ ग्राहकों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सके। इंडस्ट्री का सुझाव है कि 1 अक्टूबर से लागू होने वाले शून्य जीएसटी के तहत डिस्ट्रीब्यूटर पेआउट्स को घटाया जाए। हालांकि, इसे लागू करना मुश्किल होगा क्योंकि हर कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटर की रेट स्ट्रकचर अलग-अलग है।”

First Published - September 28, 2025 | 8:12 PM IST

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