भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सरेंडर वैल्यू पर आए नए नियमों के बाद एजेंटों को पॉलिसी पर पहले साल मिलने वाला कमीशन 35 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। मगर एलआईसी ने बीमा नवीकरण (रीन्यूअल) में प्रीमियम पर कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
एलआईसी ने सावधि बीमा (टर्म इंश्योरेंस) पॉलिसियों के लिए न्यूनतम बीमित राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। ये सभी बदलाव 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। इस साल जून में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने जीवन बीमा योजनाओं पर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर में उन ग्राहकों को अधिक भुगतान करने का प्रावधान है, जो पॉलिसी की अवधि पूरी होने से पहले ही इसे लौटा देते यानी सरेंडर कर देते हैं। यह शर्त भी 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गई है।
संशोधित नियमों के अनुसार यदि पॉलिसीधारक ने पूरे एक साल का प्रीमियम चुकाया है तो जीवन बीमा कंपनियों को पहले साल में ही पॉलिसी सरेंडर करने पर उसे स्पेशल सरेंडर वैल्यू (एसपीवी) देनी होगी। अब तक बीमा कंपनियां पहले साल पॉलिसी सरेंडर करने वाले पॉसिलीधारकों को यह रकम नहीं देती थीं।
सर्कुलर में यह भी कहा गया कि एसएसवी की गणना के पेड-अप-वैल्यू घटाने में इस्तेमाल होने वाली डिस्काउंट रेट 10 वर्ष के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 50 आधार अंक तक अधिक रह सकती है। जब कोई पॉलिसीधारक प्रीमियम भरना बंद कर देता है तो उसकी पॉलिसी पर एश्योर्ड राशि में कमी कर दी जाती है और घटी हुई यही राशि पेड-अप वैल्यू कहलाती है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘एलआईसी ने पॉलिसी के पहले साल कमीशन 35 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया है। बिना बोनस के कमीशन 25 प्रतिशत था, जिसे 20 प्रतिशत कर दिया गया है। पॉलिसी रीन्यू कराने पर आने वाले प्रीमियम पर कमीशन बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है।’
जीवन बीमा उद्योग के विशेषज्ञों को पहले लग रहा था कि नए नियम लागू होने पर कमाई में लगने वाली चोट की भरपाई के लिए बीमा कंपनियां वितरकों को दिए जाने वाली रकम या आंतरिक प्रतिफल दर (आईआरआर) बढ़ा देंगी।
एक वरिष्ठ बीमा वितरक ने कहा, ‘एलआईसी ने कमीशन घटा दिया है, जिसके बाद एजेंटों को मिलियन डॉलर राउंड टेबल के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। इसका हिस्सा बनने के लिए एजेंटों को पहले साल 8 लाख रुपये कमीशन जुटाना होगा। कमीशन घटाए जाने के बाद अब उन्हें अधिक पॉलिसी बेचनी होंगी। मुख्य जीवन बीमा सलाहकार का इंसेंटिव भी कम हो सकता है।’
उन्होंने बताया कि एलआईसी ने बीमा रकम भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। साथ ही कंपनी ने अपनी पॉलिसियों पर प्रीमियम में भी 8-9 प्रतिशत इजाफा कर दिया है।
इस बदलाव के बारे में एलआईसी को ई-मेल भेजा गया था। किंतु समाचार लिखे जाने तक उसका कोई जवाब नहीं आया था।
एलआईसी ने 30 सितंबर को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया था कि उसने सरेंडर मूल्य पर आए नए नियमों के बाद अपनी 32 पॉलिसियों एवं राइडर में बदलाव किए हैं। एलआईसी ने यह भी कहा था कि इस सूची के अलावा कोई भी पॉलिसी या राइडर 1 अक्टूबर 2024 से नहीं बिकेगा। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में एलआईसी की कुल 60 पॉलिसियां थीं।