facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

फर्जी इनवाइस के विवाद में बीमा मध्यस्थों को नोटिस, आयकर विभाग ने भी शुरू की जांच

मध्यस्थों से बीमा कंपनियों से हुए समझौतों और 2018-19 से अब तक उन्हें कंपनियों से मिली धनराशि का ब्योरा मांगा गया

Last Updated- February 21, 2023 | 10:53 PM IST
GST

बीमा मध्यस्थों और बीमा क्षेत्र के एग्रीगेटरों के खिलाफ फर्जी इनवाइस मामले की जांच तेज हो गई है। वस्तु एवं सेवा कर के अधिकारियों ने पिछले 2 सप्ताह के दौरान इनमें से कुछ एग्रीगेटरों व मध्यस्थों के खिलाफ समन नोटिस जारी कर अतिरिक्त सूचनाएं मांगी है।

ये सूचनाएं बीमा कंपनियों के साथ समझौते/कॉन्ट्रैक्ट 2018-19 से अब तक इन कंपनियों को मिले इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ सेवाएं देने संबंधी दस्तावेज से संबंधित हैं।

धोखाधड़ी करके कथित रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए कम से कम 16 बीमा कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है। यह जांच जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने शुरू की थी। इसी सिलसिले में नोटिस भेजा गया है।

बीमा कंपनियों के साथ मिलीभगत करके ये मध्यस्थ कथित रूप से फर्जी इनवाइस जारी कर रहे थे। इस तरह के इनवाइस मार्केटिंग और सेल्स सेवाओं के नाम पर हैं।

इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने मामले की पु्ष्टि करते हुए बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘सेंट्रल जीएसटी ऐक्ट की धारा 70 के मुताबिक कुछ मध्यस्तों को समन जारी किया गया है।’

सूत्र ने कहा, ‘इनमें से कुछ ने आंशिक सूचनाएं प्रदान की हैं। लेकिन तमाम मामलों में वह सूचना देने में विफल रही हैं कि इनवाइस किस सेवा के एवज में जारी की गई है।’

जीएसटी के अधिकारियों ने भी हाल में ही सूचीबद्ध मध्यस्थों के खिलाफ जांच शुरू की है। सूत्रों ने कहा, ‘यह मामला अभी चल रहा है और संबंधित कंपनी ने आगे का ब्योरा देने के लिए कुछ वक्त मांगा है।’

बहरहाल आयकर विभाग ने भी इन कुछ मध्यस्थों से पूछताछ शुरू कर दी है। आयकर विभाग उनसे बीमा कंपनियों से प्राप्त धन के बारे में सूचना मांग रहा है और साथ ही यह भी पूछताछ हो रही है कि क्या कर फाइलिंग के समय उन्होंने इसके बारे में पूरा खुलासा किया है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘इन फर्मों से जुड़े कुछ मुख्य वित्त अधिकारियों से पिछले सप्ताह पूछताछ हुई है। उनसे कर रिटर्न दाखिले से संबंधित कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं। खासकर देश की शीर्ष बीमा कंपनियों द्वारा इन कंपनियों को मिले धन के बारे में सूचना मांगी गई है। ‘

उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि आयकर विभाग उनके टैक्स रिटर्न की जांच करेगा।

कम से कम 120 बीमा मध्यस्थों और एग्रीगेटरों की जांच चल रही है, जो खासकर मुंबई, गुरुग्राम और बेंगलूरु में काम कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि मध्यस्थों से आंकड़े एकत्र करने के बाद आईटी टीम जल्द ही बीमा कंपनियों तक पहुंचेगी। आयकर विभाग को संदेह है कि अपने ब्रोकरेज और मध्यस्थों को कमीशन के भुगतान में उद्योग में व्यापक अनियमितता हुई है।

First Published - February 21, 2023 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट