वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। फिर भी, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वे नए जोखिमों पर नज़र रखे हुए हैं। उन्होंने नई टेक्नॉलजी से फाइनेंशियल सिस्टम में होने वाले बदलावों के बारे में भी सावधान किया। दास ने कहा कि वित्तीय स्थिरता अभी बहुत अच्छी है। लेकिन असली चुनौती इसे बनाए रखने और और बेहतर बनाने की है।
शक्तिकांत दास ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट की भूमिका में महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने बताया कि नई तकनीकें जहां एक ओर काम को सरल बनाती हैं और ग्राहकों को बेहतर सेवा देती हैं, वहीं दूसरी ओर ये फाइनेंशियल सिस्टम में अचानक और व्यापक बदलाव ला सकती हैं। इसलिए उन्होंने सभी संबंधित लोगों से दो बातों पर ध्यान देने को कहा। पहला, नई तकनीकों का पूरा लाभ उठाने के लिए पर्याप्त निवेश करना, और दूसरा, अपने सिस्टम की सुरक्षा और मजबूती के लिए कदम उठाना। यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई थी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि जांच से पता चला है कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के पास पर्याप्त पूंजी है। भले ही कोई बड़ी समस्या आए, तब भी उनके पास नियमों के अनुसार जरूरी पूंजी रहेगी। लेकिन फिर भी रिज़र्व बैंक नए खतरों पर नज़र रख रहा है। इनमें साइबर खतरे, जलवायु परिवर्तन और दुनिया भर के आर्थिक प्रभाव शामिल हैं।
दास ने बताया कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में कई बड़ी समस्याएं हैं, जैसे बहुत ज्यादा सरकारी कर्ज, संपत्तियों के बढ़े हुए मूल्य, आर्थिक और वित्तीय बंटवारा, और लगातार होने वाले भू-राजनीतिक झगड़े। इन सब के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। इसकी बुनियाद मजबूत है और यह किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की आर्थिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि हाल के संकट काल से पहले की तुलना में अब हमारी फाइनेंशियल सिस्टम ज्यादा मजबूत और जीवंत है। दास ने यह भी कहा कि अब हमें इस सुधार को और मजबूत करना है। हमें ऐसी फाइनेंशियल सिस्टम बनानी है जो भविष्य के लिए तैयार हो और भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा कर सके।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत का विश्व अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ रहा है। इसलिए हमारी फाइनेंशियल सिस्टम को भी आधुनिक और मजबूत बनाना होगा, ताकि वह वैश्विक स्तर पर काम कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिसमें ग्राहक की जरूरतें सबसे महत्वपूर्ण हों। दास ने जोर देकर कहा कि ग्राहक का भरोसा बनाए रखना बहुत जरूरी है। यह भरोसा ही पूरी फाइनेंशियल सिस्टम को स्थिर रखने में मदद करता है।