IDFC फर्स्ट बैंक निजी क्षेत्र के उन प्रमुख ऋणदाताओं में शामिल है जो निवेशकों को तेजी से आकर्षित करने में सफल रहे हैं। IDFC फर्स्ट एक साल में करीब 158 प्रतिशत चढ़ा है। इसमें तेजी की मुख्य वजह बैंक का शानदार प्रदर्शन है।
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) एक साल पहले के आधार पर 35 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ी। इससे सुधरते व्यावसायिक परिदृश्य और मार्जिन वृद्धि का संकेत मिलता है। बैंक की ब्याज आय सालाना आधार पर 41 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 9 प्रतिशत बढ़ी। वहीं ब्याज खर्च सालाना आधार पर 50 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 8 प्रतिशत तक बढ़ा।
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में NIM तिमाही आधार पर 28 आधार अंक तक बढ़कर 6.41 प्रतिशत हो गया। वहीं शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 134 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 803 करोड़ रुपये रहा। इस बीच, बैंक की जमाओं में शानदार 47 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।
कोस्ट-टु-इनकम रेशियो वित्त वर्ष 2022 के 77.8 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2023 में 72.5 प्रतिशत रह गया। इस बैंक के लिए ऊंची लागत वाली उधारी का लंबा इतिहास रहा है, जो 25,180 करोड़ रुपये से घटकर 17,673 करोड़ रुपये रह गई। 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमी वित्त वर्ष 2024 में देखी जा सकती है, और पूरी हाई-कोस्ट बुक वित्त वर्ष 2026 तक समायोजित होगी। इन ऋणों को कम लागत वाली जमाओं के साथ जोड़ने से कोषों की लागत घटेगी।
प्रबंधन का मानना है कि लागत में और कमी आ सकती है, क्योंकि कारोबार का दायरा बढ़ने से देनदारियों और क्रेडिट कार्ड व्यवसाय, दोनों के सामान्य होने का अनुमान है। इसके परिणामस्वरूप, बैंक का प्रावधान-पूर्व लाभ सालाना आधार पर 89 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 24 प्रतिशत तक बढ़ा।
ऋण लागत चौथी तिमाही में 1.26 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष 2023 के लिए 1.16 प्रतिशत रही, जो 1.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है। ऋण लागत 1.5 प्रतिशत से नीचे बने रहने की संभावना है।
बैंक ने खुदरा अग्रिमों पर ध्यान केंद्रित कर वृद्धि तेज की है। सकल वित्त परिसंपत्तियां सालाना आधार पर 24 प्रतिशत तक बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं और खुदरा ऋण बुक का संपूर्ण बहीखाते में 79 प्रतिशत योगदान रहा।
वित्त वर्ष 2023-25 की अवधि के दौरान अग्रिम और जमा बहीखातों में 24 प्रतिशत तक का इजाफा होने का अनुमान है। बैंक का चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) अनुपात 49.8 प्रतिशत पर रहा, जो पूर्ववर्ती तिमाही में 50 प्रतिशत था। पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.8 प्रतिशत पर दर्ज किया गया।
परिसंपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार आया है। सकल एनपीए और एनपीए तिमाही आधार पर 45 आधार अंक और 17 आधार अंक तक घटकर 2.51 प्रतिशत और 1.03 प्रतिशत रह गया।
हालांकि, मूल्यांकन सतर्कता बतरने वाले निवेशकों के लिए चिंताजनक हो सकता है। यह पिछले महीने में 19 प्रतिशत बढ़कर सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। मंगलवार को बैंक का शेयर एनएसई पर 83 रुपये के आसपास बंद हुआ।