प्रमुख सरकारी इकाइयां बॉन्ड के जरिये घरेलू ऋण पूंजी बाजार से 14,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में हैं। इनमें भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), आरईसी, हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन (हुडको) और इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) शामिल हैं।
गौर करने की बात यह है कि ये सरकारी कंपनियां ब्याज दर पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले के कुछ ही दिनों बाद घरेलू बाजार से धन जुटाएंगी। आम धारणा यह है कि गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व वाली एमपीसी शुक्रवार को ब्याज दर में पहली कटौती की घोषणा करेगी। नीतिगत रीपो दर में 25 आधार अंक तक की कटौती की जा सकती है।
सिडबी का लक्ष्य 10 फरवरी को 49 महीने की परिपक्वता वाले बॉन्ड से 6,000 करोड़ रुपये जुटाना है जिसमें 2,000 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 4,000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू
ऑप्शन होगा।
आरईसी की योजना 11 फरवरी को 15 साल की परिपक्वता की अवधि वाले बॉन्ड से 3,000 करोड़ रुपये जुटाना है जिसमें 500 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 2,500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन होगा। इसके अलावा आरईसी 3,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड को फिर से जारी करेगी।
इसी तरह हुडको की योजना 10 फरवरी को बाजार से 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की है जिसमें 500 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 2,500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प होगा। इनकी परिपक्वता अवधि 10 वर्ष होगी। इसके अतिरिक्त आईआईएफसीएल 11 फरवरी को 3 साल और 36 दिन की परिपक्वता वाले बॉन्ड के जरिये 2,000 करोड़
रुपये जुटाएगी।