देश-दुनिया में इन दिनों क्रिप्टो को लेकर चर्चा काफी तेज है। इस बीच भारत की वित्त्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया है कि क्रिप्टो एसेट को रेगुलेट करने के लिए ग्लोबल प्रेमवर्क यानी वैश्विक ढांचे पर कई देशों के साथ चर्चा जारी है। वित्त मंत्री मुंबई में आयोजित कार्यक्रम ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2023 (Global Fintech Fest 2023 ) में शिरकत कर रहीं थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को बिना सभी देशों के साझा सहयोग के बेहतर ढंग से रेगुलेट नहीं किया जा सकता है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता ने इस मुद्दे को सभी देशों के सामने ला दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक फ्रेमवर्क की जरूरत है ताकि इसे रेगुलेट किया जा सके और सही ढंग से समझा जा सके।
इसके पहले मंगलवार को, बिज़नेस स्टैंडर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि Financial Stability Board (FSB) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सदस्य देशों के बीच क्रिप्टो एयेट को रेगुलेट करने के लिए अपना एक खाका (synthesis paper) सर्कुलेट किया है। पेपर में देशों के लिए नीतिगत दृष्टिकोण (policy approaches ) और एक व्यापक रोडमैप (comprehensive roadmap ) निर्धारित किया गया है और इसे 7 सितंबर को सार्वजनिक किए जाने की उम्मीद है।
इसके अलावा, G20 देशों के वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि (finance deputies) इस सप्ताह 6 सितंबर और 7 सितंबर को नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले मिलेंगे, ताकि कर्ज संकट (debt distress ) और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा की जा सके। G20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होगा।
भारत को अगले तीन वर्षों के लिए इटली के साथ वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी (Global Partnership for Financial Inclusion-GPFI) की सह-अध्यक्षता के लिए भी चुना गया है। GPFI वित्तीय समावेशन (financial inclusion) पर काम को आगे बढ़ाने के लिए G20 देशों, इच्छुक गैर-G20 देशों और संबंधित हितधारकों के लिए एक समावेशी प्लेटफॉर्म है।
जुलाई में जारी क्रिप्टो एसेट को रेगुलेट करने पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में, FSB ने डेटा कलेक्शन और रिपोर्टिंग, सीमा पार सहयोग (cross-border cooperation), एक गवर्नेंस फ्रेमवर्क और अधिकारियों के लिए रेगुलेटरी पावर सहित कई उपायों पर सलाह मांगी थी। लेकिन FSB रिपोर्ट ने वित्तीय स्थिरता (financial stability) के जोखिमों को कवर करते हुए, क्रिप्टो एसेट के संबंध में भारत की प्रमुख चिंताओं के बारे में चर्चा ही नहीं किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह क्रिप्टो-एसेट गतिविधियों से संबंधित सभी विशिष्ट रिस्क कैटेगरीज को व्यापक रूप से कवर नहीं करता है, जैसे एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के फंडिंग का मुकाबला, डेटा प्राइवेसी, साइबर सिक्योरिटी, उपभोक्ता और निवेशक सुरक्षा (consumer and investor protection), बाजार अखंडता (market integrity), प्रतिस्पर्धा नीति (competition policy), टैक्सेशन, मौद्रिक नीति और मौद्रिक संप्रभुता (monetary sovereignty)।