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भारत में ETF निवेश ने बनाया रिकॉर्ड, AUM ₹10 लाख करोड़ के पार; निवेशकों की गोल्ड-सिल्वर में बढ़ी दिलचस्पी

रिपोर्ट के मुताबिक, ETF इंडस्ट्री ने अपना AUM सिर्फ तीन साल में दोगुना कर लिया है। यह तेजी दिखाती है कि निवेशकों का रुझान अब तेजी से ETFs की ओर बढ़ रहा है

Last Updated- December 22, 2025 | 2:53 PM IST
ETF
पिछले एक साल में गोल्ड ETFs में नए खातों की संख्या 1.5 गुना बढ़ी, जबकि सिल्वर ETFs में यह बढ़ोतरी 4.5 गुना रही। प्रतीकात्मक फोटो

भारत में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश ने नया रिकॉर्ड बनाया है। अक्टूबर 2025 तक भारत के ETF सेक्टर का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। जेरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक, ETF इंडस्ट्री ने अपना AUM सिर्फ तीन साल में दोगुना कर लिया है। यह तेजी दिखाती है कि निवेशकों का रुझान अब तेजी से ETFs की ओर बढ़ रहा है।

ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम में 7 गुना से ज्यादा उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ AUM ही नहीं, बल्कि ETF की ट्रेडिंग में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 में जहां ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम 51,000 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 3.83 लाख करोड़ रुपये हो गया। यानी 7 गुना से ज्यादाय का इजाफा हुआ है।

वित्त वर्ष 2025-26 के पहले छह महीनों में ही ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम ₹3.2 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है, जो पिछले पूरे साल के लगभग बराबर है। इससे निवेशकों को बेहतर लिक्विडिटी, सही कीमत और आसान खरीद-बिक्री का फायदा मिल रहा है।

ETF निवेशकों की संख्या 5 साल में 8 गुना बढ़ी

ETF की इस सफलता की सबसे बड़ी वजह रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी है। नवंबर 2020 में जहां ETF फोलियो की संख्या करीब 41 लाख थी, वहीं नवंबर 2025 तक यह बढ़कर 3 करोड़ से ज्यादा हो गई है। निवेश को लेकर बढ़ी जागरूकता और डिजिटल प्लेटफॉर्म तक आसान पहुंच ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।

जेरोधा फंड हाउस के CBO वैभव जलान ने कहा कि नए निवेशकों के लिए ETF अलग-अलग एसेट क्लास, थीम और सेक्टर में निवेश का आसान और कम खर्च वाला तरीका है। बता दें, जेरोधा फंड हाउस एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, जो जेरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड और CASE प्लेटफॉर्म्स प्राइवेट लिमिटेड (पहले स्मॉलकेस टेक्नोलॉजीज) के बीच जॉइंट वेंचर है।

इक्विटी ETF मजबूत, गोल्ड-सिल्वर में भी बढ़ी दिलचस्पी

हालांकि इक्विटी ETFs अब भी सबसे आगे हैं। पिछले 12 महीनों में इनमें 25 लाख नए निवेशक खाते जुड़े हैं। लेकिन अब निवेशक सिर्फ शेयर बाजार तक सीमित नहीं रहना चाहते। गोल्ड और सिल्वर ETFs में निवेश तेजी से बढ़ा है और नवंबर 2025 तक ये कुल ETF AUM का करीब 15 फीसदी हिस्सा बन चुके हैं। इससे साफ है कि निवेशक अब पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

पिछले एक साल में गोल्ड ETFs में नए खातों की संख्या 1.5 गुना बढ़ी, जबकि सिल्वर ETFs में यह बढ़ोतरी 4.5 गुना रही। इनमें निवेश के लिहाज से भी बड़ा उछाल देखने को मिला। गोल्ड ETF का AUM बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया, जो पहले करीब 44,000 करोड़ रुपये था। वहीं सिल्वर ETF का AUM बढ़कर 49,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया, जो एक साल पहले करीब 12,000 करोड़ रुपये था।

जेरोधा फंड हाउस के CEO विशाल जैन का कहना है, 10 लाख करोड़ रुपये AUM का आंकड़ा पार करना भारतीय ETF इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। भारत में इक्विटी, गोल्ड, लिक्विड और सरकारी विनिवेश से जुड़े पहले ETFs लॉन्च करने के बाद अब इस निवेश विकल्प को निवेशकों का भरोसा मिलना उत्साहजनक है।

First Published - December 22, 2025 | 2:53 PM IST

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