facebookmetapixel
SEBI ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में म्युचुअल फंड को निवेश करने से रोका, एंकर राउंट में दी अनुमतिभारत का UPI अब यूरोप से जुड़ेगा, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट मिनटों में निपटेंगे; बड़े बदलाव की तैयारीदिल्ली में इस बार सर्दियों में टूटेंगे बिजली की मांग के पुराने रिकॉर्ड, पीक डिमांड 6,000 मेगावाट तक पहुंचने के आसारमिड और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश की रफ्तार सुस्त, फिर भी क्यों कह रहे हैं एक्सपर्ट्स- SIP मत रोकें?सैलरी जल्द खत्म हो जाती है? एक्सपर्ट ने इससे बचने के लिए बताया 50-30-20 फॉर्मूला, ऐसे कर सकते हैं शुरूTejas fighter jet crash in Dubai: दुबई एयरशो में तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, हादसे में पायलट की मौतनए लेबर कोड आज से लागू: मजदूरों के वेतन, सुरक्षा और कामकाज के नियमों में आएगा ऐतिहासिक बदलावकैसे दिन-प्रतिदिन बढ़ता वायु प्रदूषण आपके आंखों पर गंभीर असर डाल रहा है? एक्सपर्ट से समझेंMarket This Week: इस हफ्ते चढ़े सेंसेक्स-निफ्टी, पर निवेशकों को नुकसान; मार्केट कैप ₹2.86 लाख करोड़ घटाJioBlackRock Flexi Cap का पहला पोर्टफोलियो आउट, फंड ने बताया कहां लगा है ₹1,500 करोड़; देखें पूरी लिस्ट

तीसरे पक्ष पर निर्भरता जोखिमभरी : RBI डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव

उन्होंने कहा कि नियमन इकाइयों को तीसरे पक्ष की विश्वसनीयता और सुरक्षा की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जरूरी मानकों को पूरा करते हों।

Last Updated- July 22, 2024 | 11:08 PM IST
तीसरे पक्ष पर निर्भरता जोखिमभरी : RBI डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव , RBI dy guv flags risks in digital outsourcing for financial companies
M Rajeshwar Rao, Deputy Governor, RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने आज कहा कि डिजिटल आउटसोर्सिंग और उनकी ‘तीसरे पक्ष पर निर्भरता’ का इस्तेमाल करने वाली वित्तीय कंपनियों को इससे लाभ तो होता है लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल है।

उन्होंने ‘केयरएज कन्वर्सेशन बीएफएसआई- नेविगेटिंग ग्रोथ ऐंड रिस्क’ को संबंधोति करते हुए कहा, ‘तीसरे पक्ष के खराब तरीके से प्रबंधित संबंधों से नियमन वाली इकाइयों को न केवल ग्राहक असंतोष और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि नियामक और पर्यवेक्षीय कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।’

उन्होंने कहा कि नियमन इकाइयों को तीसरे पक्ष की विश्वसनीयता और सुरक्षा की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जरूरी मानकों को पूरा करते हों। आउटसोर्सिंग एजेंसियों या डिजिटल ऋण सेवा प्रदाताओं के चयन के संबंध में चिता है।

उन्होंने कहा ‘नियमन से जुड़ी इकाइयां दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और ग्राहक अनुभव बेहतर करने के लिए तीसरे पक्ष की एजेंसियों और अपने परिचालन की आउटसोर्सिंग पर लगातार निर्भर हो रही हैं। अलबत्ता जहां तीसरे पक्ष पर निर्भरता के कई लाभ हैं, वहीं वे कुछ जोखिम और चुनौतियां भी पैदा करती हैं। मुख्य चिंताओं में से एक है आउटसोर्सिंग भागीदार का चयन या डिजिटल ऋण संचालन के मामले में ऋण सेवा प्रदाता (एलएसपी) का चयन।’

राव ने कहा कि साइबर सुरक्षा ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां विनियमित इकाइयों को अपनी डिजिटल संपत्तियों और ग्राहकों की सूचनाओं की सुरक्षा के लिए तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं की तैयारियों का आकलन करना चाहिए।

First Published - July 22, 2024 | 11:08 PM IST

संबंधित पोस्ट