वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जून 2024 में समाप्त तिमाही) में क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में बैलेंस लेवल डिलिक्वेंसीज यानी शेष राशि के स्तर पर चूक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17 आधार अंक की वृद्धि हुई है। वहीं व्यक्तिगत ऋण सहित अन्य सभी ऋण सेग्मेंट में कर्ज के भुगतान में चूक कम हुई है। हालांकि इस दौरान खुदरा ऋण में वृद्धि की रफ्तार कम हुई है। ट्रांस यूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट में सोमवार को इसका ब्योरा सामने आया है।
आंकड़ों से पता चलता है कि क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में बैलेंस लेवल डिलिक्वेंसीज 1.8 प्रतिशत रही, जो अन्य सभी ऋण सेग्मेंट की तुलना में सबसे अधिक है। बैलेंस लेवल डिलिक्वेंसी का मापन 90 दिन या इससे ज्यादा समय तक के बकाये के आधार पर होता है।
क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में पिछली कुछ तिमाहियों से चूक बढ़ रही है। मार्च 2024 में क्रेडिट कार्ड की चूक 1.7 प्रतिशत थी, जो पिछले साल की समान अवधि से 14 आधार अंक ज्यादा है। सितंबर में यह 1.68 प्रतिशत थी। इसी तरह जून 2023 में इस सेग्मेंट में चूक 1.68 प्रतिशत थी, जो 17 आधार अंक ज्यादा है।
ब्यूरो की रिपोर्ट में ऋण के अन्य सेग्मेंट में मॉर्गेज ऋण, संपत्ति के बदले ऋण (एलएपी), तिपहिया ऋण, व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और उपभोक्ता वस्तुओं पर लिया गया ऋण शामिल है। जून 2024 में होम लोन सेग्मेंट में चूक 0.9 प्रतिशत रही है, जबकि एलएपी, वाहन ऋण, व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता वस्तुओं पर ऋण सेग्मेंट में चूक की दर क्रमशः 1.6 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत, 1.2 प्रतिशत और 1.4 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई), जून 2023 के 96 से सुधरकर जून, 2024 में 102 पर पहुंच गया है। इससे कुल मिलाकर चूक के मामले में सुधार का पता चलता है।’ इसमें कहा गया है कि अन्य ऋणों के विपरीत क्रेडिट कार्ड के बकाये में चूक बढ़ी है और यह स्थिति 4 तिमाहियों से बनी हुई है। जून 2024 के लिए सीएमआई 101 था, जो जून 2023 में भी इतना ही था। ट्रांस यूनियन सिबिल में कहा गया है कि यह संकेतक जून 2022 से लगातार 100 के ऊपर बना हुआ है, जिससे भारत में स्वस्थ खुदरा उधारी की स्थिति का पता चलता है।
केयर रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर सौरफ भालेराव के मुताबिक व्यक्तिगत ऋण सेग्मेंट में क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट के ऋण के भुगतान में चूक ऐतिहासिक रूप से ज्यादा रही है। बहरहाल यह सेग्मेंट तुलनात्मक रूप से छोटा है, जिसकी बैंकिंग सेक्टर के कुल व्यक्तिगत ऋण में हिस्सेदारी महज 5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में चूक इस बात का संकेत हो सकता है कि इस क्षेत्र के नए ग्राहकों को बकाया भुगतान में कठिनाई आ रही हो, जो सामान्यतया क्रेडिट कार्ड भुगतान के तौर तरीकों से तालमेल नहीं बिठा पा रहे हों।
बहरहाल रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज्यादातर लोकप्रिय ऋणों में नए खुले खातों की संख्या कम हुई है। आंकड़ों के मुताबिक होम लोन में मात्रा के हिसाब से 30 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्रेडिट कार्ज ओरिजिनेशन में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की कमी आई है। दोपहिया वाहन एकमात्र सेग्मेंट है, जहां संख्या व धनराशि के हिसाब से 2 अंक की वृद्धि दर्ज की गई है।
ट्रांस यूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ राजेश कुमार ने कहा, ‘समय से मिलने वाले नियामक दिशानिर्देश और तुलनात्मक रूप से उच्च ऋण-जमा अनुपात के कारण हम खुदरा ऋण की वृद्धि में थोड़ी सुस्ती देख रहे हैं।’