देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) मौजूदा वित्त वर्ष में बॉन्डों के जरिये 50,000 करोड़ रुपये जुटाएगा, जिनमें अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड, टियर-2 बॉन्ड आदि शामिल होंगे।
स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी सूचना में SBI ने कहा कि बैंक के सेंट्रल बोर्ड ने ऋण प्रतिभूतियों के जरिए रकम जुटाने की मंजूरी दे दी है।
SBI ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के दौरान भारतीय या विदेशी निवेशकों से बॉन्डों के निजी नियोजन के जरिये रकम जुटाई जाएगी, जिसके लिए आवश्यकतानुसार भारत सरकार की मंजूरी चाहिए होगी।
अप्रैल में SBI बोर्ड ने विदेशी मुद्रा वाले बॉन्ड के जरिए 2023-24 में एक या अधिक चरणों में 2 अरब डॉलर जुटाने की मंजूरी दी थी।
रकम जुटाने की गतिविधियां ऐसे समय में देखने को मिल रही है जब बैंकिंग सिस्टम में क्रेडिट की रफ्तार ठीक-ठाक है, हालांकि जमाओं की रफ्तार कम है।
वित्त वर्ष 23 में क्रेडिट की रफ्तार 15 फीसदी थी जबकि जमाओं की वृद्धि दर 9.6 फीसदी रही।
RBI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 19 मई को समाप्त पखवाड़े में सालाना आधार पर बैंकों की क्रेडिट की रफ्तार 15.4 फीसदी रही, वहीं जमाओं की वृद्धि दर 10.9 फीसदी थी। जमाओं की वृद्धि दर सुधरने की उम्मीद है क्योंकि 2,000 रुपये के नोट वापस बैंकों में आ रहे हैं। आरबीआई ने इस नोट की वापसी की घोषणा की है।
SBI का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष में 50,232 करोड़ रुपये रहा, जो सर्वोच्च सालाना लाभ है।