पांच वाणिज्यिक (कमर्शियल) बैंकों ने इस साल अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान 40,895 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह रकम पिछले पूरे वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2023) में इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये जुटाई गई रकम से लगभग दोगुनी है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती आठ महीनों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये जुटाई गई कुल रकम में करीब आधी हिस्सेदारी देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक की है।
जेएम फाइनैंशियल के प्रबंध निदेशक और निवेश ग्रेड ग्रुप के प्रमुख अजय मंगलूनिया ने कहा कि इन्फ्रा से ऋण की मांग ने बैंकों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करने के लिए प्रेरित किया है। पिछले साल की तुलना में इस साल लंबी अवधि वाले सॉवरिन पेपर बॉन्ड भी बेहतर रहे हैं।
इस बार भारतीय स्टेट बैंक, केनरा (10 हजार करोड़) और बैंक ऑफ बड़ौदा (5 हजार करोड़) जैसे सरकारी बैंकों ने अधिक रकम जुटाई। इन्फ्रा बॉन्ड फंड जुटाने में उनकी हिस्सेदारी 88 फीसदी थी। आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे दो निजी ऋणदाताओं ने भी क्रमशः 4 हजार करोड़ और 1,895 करोड़ रुपये जुटाए।
अप्रैल-नवंबर में ऋण पूंजी जारी करने के लिए बैंक ने अतिरिक्त टीयर 1 (एटी 1 बॉन्ड) और टीयर 2 बॉन्ड के माध्यम से 24,976 करोड़ रुपये जुटाए। बैंकों ने एटी 1 बॉन्ड से 6,101 करोड़ रुपये जुटाए। एटी 1 बॉन्ड के जरिये भारतीय स्टेट बैंक ने 3 हजार करोड़ और पंजाब नैशनल बैंक ने 3,101 करोड़ रुपये जुटाए।
टियर 2 बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई पूंजी एटी1 बॉन्ड की तुलना में तीन गुना अधिक थी। आठ बैंकों ने टियर 2 बॉन्ड के जरिये 18,875 करोड़ रुपये जुटाए।