केंद्र ने म्युनिसिपल बॉन्ड बाजार के लिए 30 से ज्यादा शहरों की पहचान की है जिनकी रेटिंग अच्छी है। समझा जाता है कि इस कैलेंडर वर्ष में म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला पहला शहर चेन्नई हो सकता है जबकि सूरत और विशाखापत्तनम भी जल्द ही म्युनिसिपल बॉन्ड ला सकता है।
आम बजट में म्युनिसिपल बॉन्ड बाजार को व्यापक बनाने के सरकार के जोर देने और भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 की बैठक में शहरी बुनियादी ढांचा के लिए वित्त को प्रमुख एजेंडे में से एक बनाए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
सूरत और विशाखापत्तनम विशिष्ट परियोनाओं के लिए बॉन्ड जारी करेंगे और इसकी तैयारी अग्रिम चरण में हैं। इंदौर नगर निगम पहले ही इस तरह का बॉन्ड ला चुका है। फरवरी में इसके ग्रीन बॉन्ड को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर जारी किया गया था। इंदौर ग्रीन बॉन्ड जारी करने वाला देश का पहला शहर है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम जी-20 के बुनियादी ढांचा कार्य समूह से इतर राज्यों और स्थानीय निकाय के अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर कार्यशालाएं आयोजित कर रहे हैं। इसमें हम शहरी बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए नवोन्मेषी तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। इस पहल के तहत कई शहर बॉन्ड बाजार में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।’
अधिकारी ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठकों और समीक्षा के आधार पर केंद्र ने 30 से ज्यादा शहरों की पहचान की है जो बॉन्ड बाजार में उतरने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।
उक्त अधिकारी ने कहा, ‘सूरत और विशाखापत्तनम किसी भी दिन ऐसा कर सकते हैं। सूरत अपशिष्ट पानी को शोधित कर उद्योगों को बेच रहा है और इससे सालाना 144 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है। ऐसे में यह उसकी आय का एक निश्चित स्रोत है। वे अपनी क्षमता को दोगुनी करना चाहते हैं, जिसके लिए वे जल्द ही बॉन्ड जारी कर सकते हैं।’
अधिकारी ने कहा कि इसी तरह की अपशिष्ट पानी को शोधित करने की परियोजना से विशाखापत्तनम सालाना 35 करोड़ रुपये कमा रहा है और अब अपनी क्षमता बढ़ाना चाह रहा है।
‘A’ रेटिंग वाले 30 से ज्यादा शहर ऐसे हैं जहां संपत्ति कर को तार्किक बनाने, खाते को दुरुस्त करने और राजस्व अर्जित करने वाली परियोजनाओं आदि की योजना बनाने पर काफी काम हो चुका है या इसे पूरा करने की योजना है।
भारतीय म्युनिसिपल बॉन्ड बाजार का विस्तार आम बजट 2023 के प्रमुख विषयों में से एक है। उक्त अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिका में म्युनिसिपल बॉन्ड बाजार का सालाना आकार 386 अरब डॉलर का है। भारत में अभी यह 1 अरब डॉलर से भी कम है।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘संपत्ति कर प्रशासन में सुधार और शहरी बुनियादी ढांचे पर उपयोग शुल्क के जरिये शहरों को म्युनिसिपल बॉन्डों के लिए अपनी साख में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’
उन्होंने यह भी कहा था कि वित्त वर्ष 2024 में राज्यों को 1.3 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा सहायता का एक हिस्सा शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ जोड़ा जाएगा ताकि वे म्युनिसिपल बॉन्ड के अपनी साख बना सकें।