बैंकों द्वारा बॉन्ड निर्गम चालू वित्त वर्ष में घटकर 90,000 करोड़ रुपये से नीचे आ सकते हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि तरलता संबंधित हालात आसान होने की वजह से चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा कमजोर पड़ सकता है।
बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 में 1.1 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बैंकों और AIFI द्वारा संयुक्त निर्गमों का आकार वित्त वर्ष 2023 में 2 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया था और बैंकों द्वारा सकल बॉन्ड निर्गम 1.1 लाख करोड़ रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर आ गया।’
इक्रा का कहना है, ‘हालांकि हाल में मजबूत विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)/ विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) प्रवाह मजबूत हुआ है, लेकिन 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने और आरबीआई द्वारा संभावित लाभांश से अंतरिम तौर पर तरलता संबंधित हालात आसान हो सकते हैं। इससे पूर्ववर्ती वर्ष के ऊंचे स्तरों से संपूर्ण बॉन्ड निर्गम 900 अरब रुपये से नीचे जा सकता है।’
आरबीआईने मई के आखिरी सप्ताह में 2,000 रुपये के नोट वापस लेने शुरू कर दिए हैं, हालांकि ये नोट अभी भी वैध बने हुए हैं। बैंकिंग व्यवस्था में तरलता बढ़ी है, जैसा कि आरबीआई के पास बैंकों द्वारा जमा फंड की मात्रा से संकेत मिला है, जो मंगलवार को बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
बैंक ऋण वृद्धि जहां वित्त वर्ष 2023 में 15 प्रतिशत थी, वहीं चालू वित्त वर्ष में इसमें कमजोरी आ सकती है, हालांकि यह जमा वृद्धि से आगे बनी हुई है। जमाएं वित्त वर्ष 2023 में 9.6 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
Also read: RBI फिर रीपो रेट रख सकता है स्थिर, नीतिगत रुख पर टिकी निवेशकों की नजर
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टियर-1/एडीशनल टियर-1 (एटी-1) निर्गम वित्त वर्ष 2020-वित्त वर्ष 2023 के स्तरों (300-334 अरब रुपये) से कम रह सकता है और इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का दबदबा रहने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है, ‘वहीं, बकाया टियर-1 बॉन्डों का आकार मार्च 2024 तक कुछ बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है, जो मार्च 2023 में 1.2 लाख करोड़ रुपये था।’
Also read: महंगाई के दबाव से सेवा पीएमआई में आई कमी: S&P Global
टियर-2 बॉन्ड निर्गम की रफ्तार वित्त वर्ष 2023 के ऊंचे स्तरों (49,600 करोड़ रुपये) से नरम पड़ने का अनुमान है, जबकि कुछ बैंक अभी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जुटा सकते हैं, हालांकि इसमें कुछ बैंक दिलचस्पी दिखाएंगे।