बैंकों ने देश में स्टार्टअप को धन मुहैया कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से प्रतिबद्ध नकदी विंडो स्थापित कराने की गुजारिश की है। फिक्की-आईबीए के सर्वेक्षण के मुताबिक बैंक वृद्धि को धन मुहैया कराने के लिए आर्थिक रूप से संपन्न हैं लेकिन वे RBI से डिस्काउंट रेटों पर ऋण चाहते हैं। ऐसा होने पर उनके शुद्ध ब्याज आमदनी को इस उच्च जोखिम क्षेत्र से सुरक्षा मिलेगी।
उद्योग के संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (फिक्की) के आज जारी सर्वेक्षण के मुताबिक स्टार्टअप को ऐंजल और वेंचर फंड जैसे स्रोतों से जोखिम पूंजी के रूप में इक्विटी मिलती है।
स्टार्टअप को निर्धारित अवधि में कारोबार को तेजी से बढ़ाने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है और बैंक कुछ सुरक्षा मानदंडों का पालन कर स्टार्टअप को धन मुहैया करवाते हैं। स्टार्टअप को धन मुहैया कराने में खासा जोखिम होता है और यह कर्ज फंस भी सकता है।
लिहाजा उधारी देने वाला खासा चिंतित रहता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के अधिकारी ने कहा कि स्टार्टअप के लिए डिस्काउंट रेट पर ऋण मिलने से बैंकों का जोखिम कम हो सकता है। बैंकों ने वित्त क्षेत्र, सूचना क्षेत्र की कंपनियों को धन मुहैया कराने के लिए अलग प्रकोष्ठ बनाए हैं।