बैंकों के ओवरनाइट फंडों की लागत का प्रतिनिधित्व करने वाला अंतरबैंक कॉल मनी रेट सोमवार को 7 फीसदी के उच्चस्तर पर पहुंच गया क्योंकि कर के लिए रकम जमा कराने से बैंकिंग व्यवस्था की नकदी पर खासा दबाव पड़ा।
उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद दरें हालांकि नरम हुई और भारांकित औसत कॉल रेट (जो आरबीआई की मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य है) 6.69 फीसदी पर टिका। क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
सोमवार के बंद स्तर पर भारांकित औसत कॉल रेट, रीपो दर 6.50 फीसदी के मुकाबले ज्यादा रहा और यह मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 6.75 फीसदी से भी ज्यादा दूर नहीं रहा। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट आरबीआई की ब्याज दर कॉरिडोर का उच्चतर बैंड है।
विश्लेषकों ने कहा कि मनी मार्केट की उच्च दर का मौजूदा चरण कर भुगतान के कारण देखने को मिल रहा है और पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग व्यवस्था की नकदी खासी कम हुई है और आगामी महीनों में भी स्थिति सख्त बनी रह सकती है। इससे बैंकों के फंड की लागत में इजाफा होगा।