कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण निकट अवधि में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की संपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन पुनर्गठन के गति पकडऩे और संग्रह में सुधार के साथ धीरे धीरे दबाव कम होगा।
एनबीएफसी की संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर दबाव कई वजहों से है। पिछले साल के विपरीत, इस बार मॉरिटोरियम नहीं था, जिससे गैर निष्पादित संपत्तियों की गुणवत्ता चक्र से बचाव हुआ था। दूसरे, संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण संग्रह की क्षमता प्रभावित हुई।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के आकलन के मुताबिक चालू वितत्त वर्ष में एनबीएफसी के 90 दिन से ज्यादा के बकाया (डीपीडी) में 50 से 100 आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी होगी। वित्त वर्ष 21 में 90 डीपीडी मार्च, 2020 की तुलना में 30-40 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई थी और वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में यह कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद वित्त वर्ष 21 की तीसरी व चौथी तिमाही में कर्ज को बट्टा खाते में डाले जाने पर उधारी के पुनर्गठन का काम हुआ।
चौथी तिमाही के बाद गैर बैंक कर्जदाताओं के संग्रह की कुशलता एक बार फिर अप्रैल-मई में गिरी।
