बैंकों के ऋण और जमा में 19 मई, 2023 को समाप्त पखवाड़े में इसके पहले के पखवाड़े की तुलना में कमी आई है। इससे नए वित्त वर्ष की शुरुआत में कारोबार की मात्रा में कमी के संकेत मिलते हैं। बहरहाल भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक देनदारियों में वृद्धि और कर्ज लेने की गति पिछले साल की समान अवधि की तुलना में स्थिर बनी हुई है।
इस पखवाड़े के दौरान जमा 59,623 करोड़ रुपये घटकर 183.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं ऋण भी 6,181 करोड़ रुपये घटकर 138.91 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
अगर पिछले साल की तुलना में देखें तो बैंक ऋण 19 मई 2023 तक 15.4 प्रतिशत बढ़ा है, जो एक साल पहले के 12.2 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा है। वहीं जमा आकर्षित करने की रफ्तार भी सुधरकर 10.9 प्रतिशत हो गई है, जो वित्त वर्ष 23 की समान अवधि में 9.3 प्रतिशत थी। ऋण वितरण और जमा आकर्षित करने के बीच अंतर ज्यादा है, जिसकी वजह से ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) पर असर पड़ा है। ऋण जमा अनुपात 19 मई, 2023 को 75.62 प्रतिशत रहा है, जो 20 मई, 2022 के 75.57 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा है।
रेटिंग एजेंसी केयर ने कहा कि सीडी रेशियो सामान्यतया वित्त वर्ष 22 के आखिरी महीनों से बढ़ रहा है। हालांकि हाल के सीडी रेशियो की चाल देखें तो यह करीब सपाट रहा है। फरवरी 2020 में सीडी रेशियो बढ़कर 75.8 प्रतिशत के महामारी के पहले के स्तर पर और मार्च 2020 में 75.7 प्रतिशत पर था।
कर्ज पर ब्याज दर ज्यादा होने और भू-राजनीतिक व आपूर्ति श्रृंखला के मसले बावजूद कर्ज लेने की रफ्तार भी तेज बनी हुई है। यह वृद्धि सभी क्षेत्रों में हुई है।
व्यक्तिगत ऋण और एनबीएफसी वृद्धि के मुख्य किरदार रहे हैं। वहीं अन्य विनिर्माण केंद्रित क्षेत्रों ने भी इसे गति दी है। केयर ने कहा कि बहरहाल ऋण में वृद्धि वित्त वर्ष 24 में देश की आर्थिक वृद्धि के अनुरूप रहने की उम्मीद है।