facebookmetapixel
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अलर्ट: फर्जी डोनेशन क्लेम पर टैक्सपेयर्स को मिलेगा SMS और ईमेलदिल्ली की हवा फिर बिगड़ी, AQI 450 के करीब पहुंचते ही GRAP स्टेज-4 के सभी नियम पूरे NCR में लागूकिराया सीमा के बाद भी मनमानी? 10 में 6 यात्रियों ने एयरलाइंस पर नियम तोड़ने का आरोप लगायाCorporate Actions: बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से भरपूर रहने वाला है अगला हफ्ता, निवेशकों के लिए अलर्ट मोडDividend Stocks: महारत्न PSU अपने निवेशकों को देने जा रही 50% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेPhD वाला गरीब, 10वीं फेल करोड़पति! रॉबर्ट कियोसाकी ने बताया आखिर पैसा कहां चूक जाता हैLionel Messi in India: मेसी को देखने आए फैंस भड़के, FIR दर्ज; ममता ने जांच का आदेश दियाबिहार में नए विभागों का बंटवारा: नीतीश ने सिविल एविएशन अपने पास रखा, संजय टाइगर को युवा रोजगार विभागTier-2 और Tier-3 में स्वास्थ्य पॉलिसी की बढ़त, ₹10-15 लाख कवरेज की मांग बढ़ीMutual Fund Tips: साल के अंत में पोर्टफोलियो का रिव्यू क्यों जरूरी, एक्सपर्ट्स से आसान भाषा में समझें

अभी तक 2000 के 35% नोट बैंक को मिले वापस

Last Updated- June 07, 2023 | 6:43 PM IST
Rs 2,000 notes deposit

23 मई से शुरू हुए 2000 रुपये के बैंक नोटों की वापसी में तेजी आई है, ऐसे लगभग 35 फीसदी नोटों को या तो जमा किया गया या बदला गया है। टॉप केंद्रीय बैंकिंग सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 31 मार्च, 2023 तक 2000 रुपये के 18,111 लाख नोट प्रचलन में थे, जो वॉल्यूम के के हिसाब से प्रचलन का कुल 1.3% था।

आरबीआई ने 2018-19 में 2000 रुपए के नोट की छपाई बंद कर दी थी। प्रचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 को अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से घटकर 31 मार्च, 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 31 मार्च, 2023 को प्रचलन में नोटों का केवल 10.8% है। गुजरात, पंजाब और नई दिल्ली कुछ ऐसे केंद्र हैं जहां 2000 रुपये के नोट की सबसे ज्यादा वापसी हुई है।

सूत्रों ने कहा कि अब तक लौटाए गए नोटों में से करीब 80 फीसदी को जमा कर दिया गया है जबकि बाकी को बदला गया है। पिछले महीने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा था कि बैंक को 2000 रुपये के 17,000 करोड़ रुपये के नोट मिले, जिसमें से 14,000 करोड़ रुपये के नोट जमा किए गए।

नोट वापस करने की रफ्तार में वृद्धि के बावजूद, बैंक को ज्यादा परेशानी का सामान नहीं करना पड़ा। 2016 में मोनेटाइजेशन की तरह बैंकों के बाहर लोगों की लंबी लाइने नहीं देखी गईं। गौरतलब है कि 2016 की नोटबंदी के बाद पुराने 500 रुपये के नोट और 1000 रुपये के नोट कानूनी रूप से बंद कर दिए गए थे।

Also read: RBI फिर रीपो रेट रख सकता है स्थिर, नीतिगत रुख पर टिकी निवेशकों की नजर

एक सूत्र ने कहा, “क्वांटम इस समय बहुत छोटा है। पिछली बार नोटबंदी के कारण 87% नोटों को वापस लिया गया था जबकि इस बार यह प्रचलन में कुल नोटों का केवल 10.8% है।”

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक के विश्लेषण के मुताबिक पूरी प्रक्रिया बाधारहित होने वाली है। उन्होंने कहा कि लोगों को बैंक शाखाओं में भीड़ लगाने का कोई कारण नहीं है क्योंकि उन्हें नोट जमा करने या बदलने के लिए चार महीने का समय मिलेगा।

19 मई को, RBI ने स्वच्छ नोट नीति और उपयोग में कमी का हवाला देते हुए 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी। 23 मई से शुरू हुई वापसी की प्रक्रिया 30 सितंबर, 2023 तक जारी रहेगी। 2000 रुपये का नोट वैध रहेगा।

Also read: UPI एक्टिवेट करने के लिए अब नहीं चाहिए होगा डेबिट कार्ड, आधार ही होगा काफी

2000 रुपये के नोट को वापस लेने के बाद, बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ी है, सरकारी खर्च में वृद्धि से भी सहायता मिली है।

सोमवार और मंगलवार दोनों दिन, बैंकिंग प्रणाली में ज्यादा तरलता देखने को मिली – तरलता यानी लिक्विडिटी को बैंकों द्वारा आरबीआई के पास रखे जाने वाले पैसे से मापा जाता है – जो अभी 2 ट्रिलियन रुपये (200 लाख करोड़ रुपये) से अधिक है।

First Published - June 7, 2023 | 6:43 PM IST

संबंधित पोस्ट