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चालू खाते और बचत खाते की हिस्सेदारी सात साल के निचले स्तर पर

Last Updated- April 09, 2023 | 9:11 PM IST
Indian Banks- भारतीय बैंक

वर्ष 2022-23 के अंत में सकल जमा राशि में कासा (चालू खाते और बचत खाते) की हिस्सेदारी गिरकर 11.6% हो गई। यह बीते सात साल में सबसे कम हिस्सेदारी है।

बीते 10 वर्षों में दूसरी बार वृद्धिशील जमा में कासा की हिस्सेदारी गिरकर इकाई अंक में (6.7 फीसदी) आ गई है।

RBI के हालिया आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 23 के अंतिम पखवाड़े में वाणिज्यिक बैंकों में 15.8 लाख करोड़ रुपये जमा हुए जबकि उनकी जमा की मांग केवल 1.07 लाख करोड़ रुपये थी। इसका कारण यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज संबंधी कार्रवाइयों के कारण सावधि जमा पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं।

आरबीआई ने मार्च 2022 से रीपो दर को बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके बाद से रीपो दर में 250 बुनियादी आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी हुई और सावधि जमा की ब्याज दरों में (फरवरी के बाद से) करीब 100 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई। इसका परिणाम यह हुआ कि बैंकों में सावधि जमा (FD) पर अधिक ब्याज मिल रहा है जबकि बचत खातों पर करीब 3 फीसदी ब्याज है।

First Published - April 9, 2023 | 8:41 PM IST

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