जापान की मित्सुबिशी यूएफजे वित्तीय समूह (एमयूएफजी) के श्रीराम फाइनैंस में चार अरब डॉलर से अधिक निवेश करने की उम्मीद है। श्रीराम फाइनैंस भारत के निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है।
सूत्रों के मुताबिक एमयूएफजी श्रीराम फाइनैंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा और भारत की वित्तीय सेवा क्षेत्र के सबसे बड़े निवेशों में से एक हो सकता है। इस लेन देन के होने के बाद भी श्रीराम समूह इस एनबीएफसी का सबसे बड़ा शेयरधारक व प्रवर्तक रहेगा। सूत्रों के मुताबिक श्रीराम फाइनैंस की कॉरपोरेट पहचान भी कायम रहेगी। श्रीराम समूह की श्रीराम फाइनैंस में 24.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। श्रीराम समूह ने श्रीराम कैपिटल और श्रीराम वैल्यू सर्विसेज के जरिए श्रीराम फाइनैंस में निवेश किया है। इसमें दक्षिण अफ्रीका की सैनलाम लाइफ इंश्योरेंस की हिस्सेदारी 0.41 प्रतिशत है। इससे
प्रवर्तक की कुल हिस्सेदारी 25.39 प्रतिशत हो गई। श्रीराम फाइनैंस को इस लेन देन के लिए ओपन ऑफर की आवश्यकता नहीं होगी। इसका कारण यह है कि हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरी तरह से शेयरों के प्राथमिक निर्गमन के माध्यम से किया जाएगा।
श्रीराम फाइनैंस ने इस सप्ताह की शुरुआत में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसका बोर्ड बैठक करेगा। इसमें राइट्स इश्यू, तरजीही आवंटन, योग्य संस्थानों के प्लेसमेंट या किसी अन्य तरीके से धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।