देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में शुद्घ लाभ में सालाना आधार पर 55 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है और गैर-ब्याज आय में वृद्घि तथा प्रावधान लागत में कमी की वजह से बाजार अनुमानों को मात दी है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में ऋणदाता का शुद्घ लाभ 6,504 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 4,189.34 करोड़ रुपये था।
ब्लूमबर्ग के विश्लेषकों ने समीक्षाधीन अवधि में 5,389 करोड़ रुपये के शुद्घ लाभ का अनुमान जताया था। एसबीआई का शेयर तिमाही वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद बीएसई पर 2.37 प्रतिशत चढ़कर 457.05 रुपये पर बंद हुआ।
वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में ऋणदाता की शुद्घ ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 3.74 प्रतिशत बढ़कर 27,368 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 26,642 करोड़ रुपये थी। बैंक प्रबंधन ने कहा है कि एनआईआई में कमजोर वृद्घि इसलिए भी दर्ज की गई क्योंकि बड़ी पूंजी बाजार में जाने से अग्रिमों पर प्रतिफल घटा है।
एसबीआई का शुद्घ ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 3.15 प्रतिशत पर दर्ज किया गया। बैंक की शुद्घ ब्याज आय सालाना आधार पर 24.28 प्रतिशत बढ़कर 11,803 करोड़ रुपये रही और इसे शुल्क आय वृद्घि से मदद मिली। बैंक की शुल्क आय सालाना आधार पर 20.86 प्रतिशत तक बढ़ी। बैंक ने इस तिमाही में किंगफिशर एयरलाइंस खाते से करीब 1,692 करोड़ रुपये की वसूली की। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा, ‘जहां तक, गैर-ब्याज आय का सवाल है तो इस पर हमारा ध्यान बना रहेगा। हमें शाखाओं का बड़ा नेटवर्क हासिल हुआ है और हम मजबूत वितरण नेटवर्क ऑनलाइन से जुड़े हुए हैं। हमें वितरण के अन्य चैनलों और खासकर योनो से मदद मिलनी शुरू हुई है। इससे हमें डिजिटल माध्यम के जरिये अपनी सहायक इकाइयों के उत्पाद वितरण में मदद मिली है।’
वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में एसबीआई के ऋण नुकसान संबंधित प्रावधान खर्च 5,030 करोड़ रुपये रहे, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 46 प्रतिशत कम है। हालांकि उसने अपना मानक परिसंपत्ति प्रावधान तिमाही आधार पर एक साली पहले के 282 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,578 करोड़ रुपये किया है। इसके अलावा बैंक के अन्य प्रावधान 1,568 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,928 करोड़ रुपये पर दर्ज किए गए। बैंक द्वारा कुल गैर-एनपीए प्रावधान 29,816 करोड़ रुपये पर है और इसमें 9,065 करोड़ रुपये के आकस्मिक प्रावधान खर्च भी शामिल हैं।
वहीं ऋणदाता का जीएनपीए तिमाही आधार पर 34 आधार अंक तक बढ़कर 5.32 प्रतिशत और शुद्घ एनपीए 27 आधार अंक तक बढ़कर 1.77 प्रतिशत पर रहा।
