देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 16,695 करोड़ रुपये रहा, जो 2021-22 की चौथी तिमाही से 83.18 फीसदी ज्यादा है। शुद्ध ब्याज आय में अच्छी बढ़ोतरी और कम प्रावधान की वजह से SBI ने अभी तक का सबसे ज्यादा तिमाही मुनाफा कमाया है। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में बैंक का मुनाफा 14,205 करोड़ रुपये था, जो इससे पहले का रिकॉर्ड था।
पूरे साल की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में SBI का शुद्ध मुनाफा 58.58 फीसदी बढ़कर 50,232 करोड़ रुपये रहा। देश की सूचीबद्ध फर्मों में रिलायंस इंडस्ट्रीज (वित्त वर्ष 2023 में 66,702 करोड़ रुपये मुनाफा) के बाद SBI ने दूसरा सबसे ज्यादा सालाना मुनाफा अर्जित किया है। वित्त वर्ष 2022 में SBI का शुद्ध मुनाफा 31,676 करोड़ रुपये था।
बैंक के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 1,130 फीसदी यानी 11.30 रुपये प्रति शेयर (1 रुपये अंकित मूल्य के शेयर पर) का लाभांश (डिविडेंड) देने की घोषणा की है। अच्छे नतीजों के बावजूद SBI का शेयर 2.11 फीसदी गिरावट के साथ 574.15 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में SBI की शुद्ध ब्याज आय इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 29.47 फीसदी बढ़कर 40,393 करोड़ रुपये रही। भारतीय परिचालन का शुद्ध ब्याज मार्जिन इस दौरान बढ़कर 3.84 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 3.44 फीसदी था।
वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध ब्याज मार्जिन के संदर्भ में SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि कोष की सीमांत उधारी दर (MCLR) में बढ़ोतरी की गुंजाइश है, जिससे शुद्ध ब्याज मार्जिन में और सुधार हो सकता है। एमसीएलआर कॉर्पोरेट ऋण की दर तय करने का पैमाना है।
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में गैर-ब्याज आय भी बढ़कर 13,961 करोड़ रुपये रही। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक का परिचालन व्यय 27.7 फीसदी बढ़कर 29,733 करोड़ रुपये रहा। यह बैंकिंग उद्योग में आगामी वेतन वृद्धि के लिए प्रावधान के असर को दर्शाता है। वेतन वृद्धि लागू करने पर अचानक दबाव न पड़ जाए इसका खयाल रखते हुए बैंक हर महीने 500 करोड़ रुपये की राशि अलग रख रहा है।
वित्त वर्ष 2023 में बैंक का ऋण आवंटन साल भर पहले के मुकाबले 15.99 फीसदी बढ़कर 32.60 लाख करोड़ रुपये रही। ऋण आवंटन में वृद्धि मुख्य रूप से रिटेल पर्सनल लोन (17.64 फीसदी वृद्धि) और एसएमई ऋण (17.59 फीसदी वृद्धि) की वजह से हुई है। इस दौरान कॉर्पोरेट ऋण इससे पिछले साल की तुलना में 12.52 फीसदी बढ़ा है। SBI ने चालू वित्त वर्ष में 12 से 14 फीसदी ऋण वृद्धि का अनुमान लगाया है।
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SBI के प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग) जे स्वामीनाथन ने कहा कि सड़क, बंदरगाह और विमानन जैसे सभी क्षेत्रों में कॉर्पोरेट उधारी की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है। करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण आवंटन को मंजूरी मिल चुकी है और वित्त वर्ष 2024 के अंत में कॉर्पोरेट लोन बुक में 10 से 12 फीसदी वृद्धि रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2023 में कुल जमा 9.19 फीसदी बढ़कर 44.23 लाख करोड़ रुपये रही। घरेलू जमा में कासा खाते की हिस्सेदारी 43.8 फीसदी रही, जो इससे एक साल पहले 45.28 फीसदी थी।
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बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जमा वृद्धि का अनुमान नहीं बताया, लेकिन SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा ने कहा कि बैंक ऋण मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने में सक्षम होगा और आक्रामक तरीके से जमा जुटाने की जरूरत नहीं होगी। प्रतिभूतियों में बैंक का सांविधिक तरलता अनुपात 4 लाख करोड़ रुपये है और जरूरत पड़ने पर इसका एक हिस्सा भुनाया जा सकता है।
बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। मार्च 2023 में सकल गैर-निष्पादित अस्तियां (NPA) घटकर 2.78 फीसदी रहीं, जो 2022 की समान अवधि में 3.97 फीसदी थीं। शुद्ध एनपीए भी घटकर 0.67 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले 1.02 फीसदी थी।
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परिसंपत्ति गुणवत्ता (asset quality) में सुधार से फंसे कर्ज के लिए प्रावधान (राशि अलग रखने) भी एक साल पहले की तुलना में 60.8 फीसदी घटकर 1,278 करोड़ रुपये रहा। प्रावधान के लिए अनुमानित ऋण नुकसान नजरिये को अपनाने की बात पर SBI चेयरमैन ने कहा कि अभी यह लागू नहीं हुआ है और भारतीय रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है।