भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और निजी क्षेत्र के 7 बैंक येस बैंक में अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी 13,482 करोड़ रुपये में जापान की सूमीतोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) को बेचेंगे। इन बैंकों ने मार्च 2020 में येस बैंक के पुनर्गठन के समय उसमें निवेश किया था। सौदा भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग सहित अन्य नियामकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
किसी भी बैंक में विदेशी कंपनी द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी की जरूरत होती है। अभी तक आरबीआई ने केवल फेयरफैक्स (विदेशी इकाई) को ही सीएसबी बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी है।
सूत्रों ने बताया कि एसएमबीसी केवल 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहता है और बैंक आनुपातिक आधार पर अपना हिस्सा बेचेंगे। जापानी ऋणदाता 20 फीसदी हिस्सा खरीदेगा जिससे उसे अतिरिक्त 25 फीसदी हिस्सेदारी के लिए अनिवार्य खुली पेशकश लाने की जरूरत नहीं होगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के नियमों के अनुसार 26 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी पर ऐसा करना होता है। भारतीय बैंकों में प्रवर्तक हिस्सेदारी की सीमा 26 फीसदी है, ऐसे में इस तरह के कदम से नियामकीय समस्या पैदा हो सकती है। एसबीआई, येस बैंक में अपनी 13.19 फीसदी हिस्सेदारी 21.50 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 8,889 करोड़ रुपये में बेचेगा। यह कीमत गुरुवार के बंद भाव से 18 फीसदी अधिक है।
निजी क्षेत्र के अन्य सात बैंकों – एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, फेडरल बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और बंधन बैंक येस बैंक में अपनी 6.81 फीसदी हिस्सेदारी 4,594 करोड़ रुपये में बेचेंगे। यह सौदा 21.50 रुपये प्रति शेयर के भाव पर होगा।
येस बैंक में एसबीआई और सात निजी बैंकों की कुल हिस्सेदारी फिलहाल 33.71 फीसदी है। इस सौदे के बाद एसबीआई की येस बैंक में 10.78 फीसदी हिस्सेदारी बचेगी जबकि सात निजी बैंकों की कुल हिस्सेदारी 2.93 फीसदी रह जाएगी।
एसएमएफजी के प्रेसिडेंट और ग्रुप सीईओ टोरू नकाशिमा और एसएमबीसी के प्रेसिडेंट और सीईओ अकिहिरो फुकुटोम ने कहा, ‘भारत हमारे लिए महत्त्वपूर्ण बाजार है और हम इसकी गतिशील और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं देखते हैं। हमें येस बैंक में निवेश करने पर गर्व है।’
येस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा, ‘हम वैश्विक वित्तीय दिग्गज एसएमबीसी का एक प्रमुख शेयरधारक के रूप में स्वागत करते हुए उत्साहित हैं। यह निवेश हमारे विकास के अगले चरण में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें उनकी वैश्विक विशेषज्ञता और उच्च संचालन मानकों का लाभ मिलने की उम्मीद है। इस निवेश से हमारे बदलाव की यात्रा और भविष्य की संभावनाओं को बल मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में हमारी वृद्धि एसबीआई की मजबूत साझेदारी और अटूट समर्थन से आगे बढ़ती रही और वह मूल्यवान हितधारक बना रहेगा।’
मार्च 2020 में येस बैंक के पुनर्गठन के दौरान एसबीआई ने 7,250 करोड़ रुपये का निवेश किया था जबकि एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक ने 1,000-1,000 करोड़ रुपये लगाए थे। पुनर्गठन के बाद येस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी 49 फीसदी हो गई थी।
ऐक्सिस बैंक ने 600 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक ने 500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बंधन बैंक और फेडरल बैंक ने भी येस बैंक में निवेश किया था।