भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर बैंक भुगतान व्यवस्था प्रदाताओं (पीएसओ) द्वारा निपटान संबंधी गतिविधियों और आउटसोर्र्सिंग भुगतान के जोखिम कम करने लिए न्यूनतम मानकों का एक ढांचा पेश किया है, जिसका उन्हें 31 मार्च, 2022 तक अनुपालन करना होगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस तरह की गतिविधियों की आउटसोर्सिंग के लिए पीएसओ को बोर्ड से मंजूर की गई नीतियां बनानी होंगी। पीएसओ का बोर्ड आउटसोर्सिंग नीति, रणनीतियों और व्यवस्थाओं की समय समय पर समीक्षा करेगा, जिससे उनका महत्त्व, सुरक्षा और मजबूती बनी रहे।
मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने कहा है, पीएसओ जोखिम प्रबंधन और आंतरिक ऑडिट, अनुपालन और निर्णय लेने संबंधी कामों जैसे केवाईसी मानकों का अनुपालन जैसे प्रमुख प्रबंधन कार्यों की आउटसोर्सिंग नहीं कर सकते।
इसके अलावा आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर विचार या उसके नवीकरण के समय पीएसओ को इस तरह का समझौता करना होगा कि आउटसोर्स की हुई गतिविधियों पर पर्याप्त नियंत्रण बना रहे और हस्तक्षेप करने का अधिकार हो।
