facebookmetapixel
Year Ender 2025: ट्रंप की सनक, ग्लोबल संकट और युगांतकारी बदलावों का सालहायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख कियाDFCCIL और IRFC ने वर्ल्ड बैंक लोन रिफाइनेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए, सरकार को ₹2,700 करोड़ की बचत की उम्मीदYear Ender 2025: आईपीओ बाजार के लिए 2025 दमदार, आगे भी तेजी के आसारबीमारी के लक्षणों से पहले ही स्वास्थ्य जांच पर जोर, महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत का डायग्नोस्टिक्स बाजारहाइपरस्केल डेटा सेंटर के टैक्स दर्जे पर सरकार से स्पष्टता की मांग, आईटीसी और मूल्यह्रास नियमों में बदलाव की सिफारिशकोहरे और सर्दी की चुनौतियों के बीच इंडिगो ने संभाला मोर्चा, कहा- उड़ानों में व्यवधान नहीं होने देंगेओला की गिरती बिक्री के बावजूद रफ्तार में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार, 2025 में रजिस्ट्रेशन 13.1 लाख तक पहुंचने का अनुमानदूरसंचार विभाग का प्रस्ताव: BSNL के 23,000 नए बेस स्टेशन बनेंगे, निजी कंपनियों से मुकाबले की तैयारी

पीएसयू एनबीएफसी ने नए सिरे से जारी किए बॉन्ड

‘दिसंबर तक ज्यादातर ​बॉन्ड जारी किए गए थे। इसके बाद कंपनी को अगर बाजार की स्थितियां अनुकूल लगती है तो वह फिर से बॉन्ड जारी करती है।'

Last Updated- February 16, 2025 | 10:26 PM IST
NBFC

सरकारी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) फरवरी में सक्रिय रूप से अपने बॉन्ड को फिर से जारी कर रही हैं। बॉन्ड बाजार के प्रतिभागियों के अनुसार ये एनबीएफसी इस वित्त वर्ष की धन जुटाने की सीमा खत्म करने के करीब हैं इसलिए ये बॉन्ड नए सिरे से जारी किए गए हैं। नाबार्ड और पीएफसी सहित प्रमुख एएए रेटेड पीएसयू इकाइयों ने नियामकीय सीमाओं को देखते हुए पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस सप्ताह बॉन्ड को नए सिरे से जारी किए हैं।

रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक व प्रबंधकीय साझेदार वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने बताया, ‘इकाइयों में खासतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए बॉन्ड को फिर से जारी करना आवश्यक हो गया है। वे सालाना केवल 9 आईएसआईएन तक सीमित हैं। इसलिए इस सीमा में रहने के लिए उन्हें बॉन्ड फिर से जारी करना आवश्यक हो जाता है। नकदी के प्रबंधन के लिए बॉन्ड पुन: जारी करना आवश्यक है।’ असल में प्रत्येक प्रतिभूति को जारी किए जाने के दौरान एक विशेष नंबर आईएसआईएन (इंटरनैशनल सिक्योरिटी आइडेंटिफिकेशन नंबर) दिया जाता है ताकि इनका कारोबार करने वालों में कोई गलतफहमी न हो।

नाबार्ड ने साल 2028 में परिपक्व होने वाले बॉन्ड 7.53 फीसदी की दर पर 100.05 की कटऑफ प्राइस पर फिर से जारी कर 4,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके अलावा एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड ने 11 फरवरी, 2028 को परिपक्व होने वाले 7.74 फीसदी की दर के बॉन्ड फिर से जारी किए हैं, जिन्हें मूल रूप से 29 अगस्त, 2024 को जारी किया गया था। इस पुनर्निर्गम में मूल्य आधारित कटऑफ था और 100.15 रुपये की कीमत पर 1,003 करोड़ रुपये स्वीकार किए गए। जिसकी यील्ड 7.68 फीसदी की वा​र्षिक वाईटीएम होती है। इसके अलावा आरईसी ने 15 साल के निगर्म पर 7.28 फीसदी की यील्ड से 2,595 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने 100.46 के मूल्य पर 7.45 फीसदी की दर पर 2,685 करोड़ रुपये के बॉन्ड फिर से जारी किए। एक सरकारी बैंक के डीलर ने बताया, ‘दिसंबर तक ज्यादातर ​बॉन्ड जारी किए गए थे। इसके बाद कंपनी को अगर बाजार की स्थितियां अनुकूल लगती है तो वह फिर से बॉन्ड जारी करती है। अंतिम तिमाही में आमतौर पर कम गतिविधियां होती हैं। ब्याज में कटौती के अगले दिन ये सभी बॉन्ड फिर से जारी किए गए थे।’

कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए धन जुटाना दिसंबर में तीन माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी वजह तिमाही अंत की मांग, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के ज्यादा बॉन्ड जारी करने और दीर्घावधि निवेशकों की अच्छी मांग थी। प्राइम डेटाबेस के अनुसार कॉरपोरेट और बैंकों ने इस माह में 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे और यह सितंबर के 1.23 लाख करोड़ रुपये के बाद सर्वाधिक स्तर था। साल 2024 में कुल कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिये 10.66 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे। कुल जारी किए गए बॉन्ड में एनबीएफसी की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी थी। उन्होंने विभिन्न तरह की उधारियों के जरिये मार्केट से धन जुटाया। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते वर्ष बैंक ऋणों पर जोखिम भारांश बढ़ाने के कारण फैसला किया था। इसके बाद एनबीएफसी ने बॉन्ड जारी करने का रास्ता पसंद किया।

First Published - February 16, 2025 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट