कोटक महिंद्रा बैंक अपनी नई पेशकश ‘सॉलिटेयर’ के साथ संपन्न वर्ग पर अपना ध्यान बढ़ा रहा है। सॉलिटेयर ऐसा एकमात्र विशेष इन्विटेशन प्रोग्राम है जिसका मकसद आधुनिक निवेश माध्यमों तक पहुंच और इस संपन्न वर्ग के ग्राहकों को अनुकूल व्यक्तिगत सेवाओं तक पहुंच उपलब्ध कराना है।
बैंक के अनुसार इसकी पात्रता इस बात पर निर्भर है कि वेतनभोगी व्यक्ति की बैंक के साथ 75 लाख रुपये की रिलेशनशिप वैल्यू हो। अपने कारोबार में लगे लोगों के लिए इसकी पात्रता 1 करोड़ रुपये है।
बैंक ने कहा, ‘यह सुविधा खाते में बैंक बैलेंस जानने के बारे में नहीं है बल्कि यह बैंक के साथ टोटल रिलेशनशिप वैल्यू से जुड़ी है जिसमें जमा राशि, निवेश, ऋण, बीमा और डीमैट होल्डिंग्स शामिल है। इसकी गणना परिवार के स्तर पर की जाती है।‘
बैंक ने बताया कि ‘सॉलिटेयर’ केवल इन्विटेशन के जरिये उपलब्ध है। बैंक ने कहा, ‘ग्राहकों को कोटक के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी रिलेशनशिप वैल्यू और जुड़ाव के आधार पर आमंत्रित किया जाता है।’बैंक ने ढाई महीने पहले इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी और उसे उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।
कोटक महिंद्रा बैंक के अध्यक्ष-प्रमुख (एफ्लुएंट, एनआरआई और बिजनेस बैंकिंग) रोहित भसीन ने कहा, ‘हम एक योजना-केंद्रित संगठन से ग्राहक-केंद्रित संगठन बन गए हैं और ‘सॉलिटेयर’ कार्यक्रम इसे प्रदर्शित करने का हमारा पहला बड़ा प्रयास है।’
उन्होंने कहा, ‘यह उन योजनाओं पर आधारित है जिन्हें हमने खुद तैयार किया है और उन योजनाओं पर भी जिन्हें हम अपनी समूह कंपनियों तथा विभिन्न अन्य भागीदारों की ओर से बेचते हैं। हमारे पास रिलेशनशिप मैनेजरों की एक समर्पित टीम है, जिन्हें विशेष रूप से ऐसे समृद्ध ग्राहकों के समूह का प्रबंधन करने के लिए नियुक्त और प्रशिक्षित किया गया है, जो वर्तमान में बैंक से जुड़े हैं और जिन्हें अगले कुछ वर्षों में हम जोड़ेंगे।’
उनके अनुसार बैंक के कुल 5.3 करोड़ ग्राहकों में से 1 प्रतिशत से भी कम धनी वर्ग से हैं और कुल कारोबार में उनका योगदान 35 प्रतिशत से ज्यादा है। धनी वर्ग में बैंक की बाजार हिस्सेदारी 4 प्रतिशत है जबकि कुल बैंकिंग बाजार में इस समूह की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत है और इसका लक्ष्य ‘सॉलिटेयर’ जैसी पेशकशों के जरिये इसे 4 प्रतिशत से ज्यादा करना है।
एफ्लुएंट मार्केट में हमारी 4 फीसदी भागीदारी है। अब तक बाजार का 96 प्रतिशत हिस्सा हमारे पास नहीं, बल्कि दूसरे बैंकों से जुड़ा है। फिलहाल यही एक समृद्ध तंत्र है जो मौजूद है। यह गैर-समृद्ध वर्ग की तुलना में दोगुनी दर से बढ़ रहा है।
(डिस्क्लेमर: बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक परिवार के नियंत्रण वाली इकाइयों की बड़ी हिस्सेदारी है)