निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड को दिसंबर 2008 की तिमाही में 80 फीसदी का शुध्द मुनाफा हुआ है। तीसरी तिमाही में बैंक का शुध्द मुनाफा 45.06 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो पिछले साल की समान अवधि में 25.04 करोड रुपये था।
बैंक ने कहा कि शुध्द मुनाफे में बढ़ोतरी का कारण बैंक की फीस आधारित आमदनी में 62 फीसदी की बढाेतरी का अहम योगदान रहा। यह फीस आधारित आमदनी अक्टूबर से दिसंबर केदौरान 133 करोड़ रुपये दर्ज की गई।
बैंक द्वारा कार्पोरेट पोर्टफोलियो में डूबते कर्र्जों की काफी हद तक वसूली किए जाने की वजह से बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट में काफी हद तक सुधार देखा गया जिससे बैंक को अपने ऊपर से कारोबारी दबाव कम करने में काफी मदद मिली।
पिछले साल की समान अवधि की 411.41 करोड़ रुपये की तुलना में दिसंबर तिमाही में एनपीए में काफी हद तक सुधार हुआ और 36 फीसदी की कमी केसाथ 263.59 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
जहां तक बैंक की कुल आमदनी की बात है तो इसमें दिसंबर तिमाही केदौरान 34.34 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 760.55 करोड रुपये दर्ज किया गया जबकि बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम इसी अवधि के दौरान 116.58 करोड़ रुपये रहा।
इसमें साल-दर-साल के हिसाब से 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 1.95 फीसदी रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह 1.47 फीसदी था।
बैंक के कॉर्पोरेट लोन बुक में भी 20 फीसदी की तेजी देखी गई और तिमाही के दौरान 6,798 करोड रुपये के स्तर पर रहा। जहां तक खुदरा एडवांस की बात है तो इसमें 4.5 फीसदी की बढोतरी के साथ 7,610 करोड रुपये रही जबकि यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7,281 करोड रुपये था।
अपने मार्जिन को सुरक्षित रखने के लिए अपने क्रेडिट विकास की दर को अपेक्षाकृत सामान्य स्तर पर रखा।