इंडसइंड बैंक के बोर्ड ने राजीव आनंद को 3 साल के लिए एमडी और सीईओ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 25 अगस्त, 2025 से 24 अगस्त, 2028 तक प्रभावी होगी। आनंद की नियुक्ति को भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल गई है, लेकिन शेयरधारकों से मंजूरी मिलना बाकी है।
आनंद उन 3 लोगों में से एक थे, जिनकी सिफारिश बैंक के बोर्ड ने एमडी और सीईओ के पद के लिए रिजर्व बैंक को की थी। रिजर्व बैंक ने बोर्ड को 30 अगस्त तक बैंक के एमडी और सीईओ पद के लिए अभयर्थियों की सूची देने को कहा था। रिपोर्टों में कहा गया है कि आनंद, अनूप कुमार साहा और राहुल शुक्ला के नाम मंजूरी के लिए भेजे गए थे।
इसके पहले आनंद ऐक्सिस बैंक के डिप्टी एमडी थे। उन्होंने बैंकिंग के थोक कारोबार का नेतृत्व किया और साथ ही बैंक का डिजिटल विभाग भी उनके अधीन था। वह ऐक्सिस असेट मैनेजमेंट से 2009 में संस्थापक एमडी और सीईओ के रूप में जुड़े।
उसके बाद ऐक्सिस बैंक के रिटेल बैंकिंग के प्रेसीडेंट नियुक्त किए गए। फिर वह ऐक्सिस बैंक के बोर्ड में शामिल हुए और होलसेल बैंकिंग के प्रभारी बने। आनंद ने वाणिज्य की पढ़ाई की है और चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं।
बैंक के पूर्व एमडी एवं सीईओ सुमंत कठपालिया ने अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद आनंद की एमडी एवं सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। कठपालिया ने बैंक में लेखांकन संबंधी चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी अप्रैल में इन्हीं लेखांकन खामियों के चलते पद छोड़ दिया था। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, क्योंकि उसने प्रावधानों में भारी वृद्धि की थी। बैंक ने तिमाही के दौरान पाई गई डेरिवेटिव और माइक्रोफाइनेंस क्षेत्रों में लेखांकन विसंगतियों से जुड़ी गलत दर्ज की गई राजस्व और आय प्रविष्टियों को उलट दिया था।
बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी ने भी इस्तीफा दे दिया था।
सीईओ के इस्तीफे के बाद बैंक ने एक कार्यकारी समिति की नियुक्ति की थी, जिसे कामकाज देखना था। पिछले सप्ताह समिति को एक महीने का कार्यविस्तार मिला था।
खुदरा ऋण में उच्च प्रॉविजन के कारण वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान इंडसइंड बैंक का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 72 प्रतिशत घटकर 604 करोड़ रुपये रह गया। साथ ही इस दौरान बैंक के प्रमुख और गैर प्रमुख कारोबार में भी आमदनी घटी थी।
बैंक के परिणाम आने के बाद इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा था कि बैंक के नेतृत्त्व में बदलाव सही दिशा में चल रहा है। मेहता ने कहा कि बैंक वरिष्ठ प्रबंधन की भूमिकाओं के लिए सक्रियता से भीतरी व बाहरी अभ्यर्थियों के नामों पर विचार कर रहा है।