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एचडीएफसी की तिजोरी भरी

Last Updated- December 09, 2022 | 9:55 PM IST

निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने 31 दिसंबर, 2008 को समाप्त हुई तिमाही में 621.74 करोड़ रुपये का शुध्द मुनाफा कमाया है, जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक ने 429.36 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था।


यानी पिछले साल की तिमाही के मुकाबले इस साल की तिमाही में बैंक ने 45 फीसदी ज्यादा मुनाफा कमाया है। आय की बात करें, तो दिसंबर 2008 को समाप्त हुई तिमाही में यह 59 फीसदी बढ़कर 5,407.89 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक को 3,405.79 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

बैंक ने कहा कि 31 दिसंबर, 2008 को समाप्त हुई तिमाही में उसकी ब्याज आय बढ़कर 4,468.50 करोड़ रुपये पहुंच गई। इस दौरान बैंक की कुल जमा 1,44,862 करोड़ रुपये रही।

एचडीएफसी बैंक ने पिछले वर्ष सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब का अपने में विलय किया और यह विलय 23 मई, 2008 से प्रभावी हो गया।

एचडीएफसी बैंक द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2008 को समाप्त हुई तिमाही के लिए वित्तीय नतीजे विलय के बाद के हैं, जबकि 31 दिसंबर, 2007 को समाप्त तिमाही के वित्तीय नतीजे एकल आधार पर थे, इसलिए वित्तीय नतीजों की तुलना नहीं की जा सकती।

दिसंबर तिमाही के परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया में बैंक के कार्यकारी निदेशक परेश सुखतानकर ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि बैंक बाकी बची अवधि में अपने इस प्रदर्शन को बरकरार रख पाने में कामयाब रहेगा।

बैंक के करेंट और सेविंग एकाउंट 44 फीसदी से घटकर 40 फीसदी के स्तर पर आने के बाबत सुखतानकर ने कहा कि  ग्राहकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिल रही ब्याज दरों के प्रति अधिक आकर्षित होकर अपने रकम को बचत खाते से निकालकर सावधि जमा में डाल दिया जिसकी वजह से यह गिरावट आई है।

उन्होंने कहा कि बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट में इस अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि में साल-दर-साल के हिसाब से 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, हालांकि ऊंची ब्याज दरों के बावजूद हम अपने मार्जिन को बरकरार रख पाने में सफल हो पाए हैं।

बैंक ने इस तिमाही में 4468.5 करोड़ रुपए का ब्याज कमाया जो पिछले साल की इसी तिमाही से ज्यादा है।

First Published - January 14, 2009 | 9:11 PM IST

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