दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े बैंक डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लि.,खुद को और स्थापित करने के लिहाज से भारत और चीन में चल रहे मौजूदा ऑपरेशनों को अधिग्रहण करने के बजाए विस्तार करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।
गौरतलब है कि बैंक प्रमुख बाजार के रूप में भारत और चीन को देख रहा है और फिलहाल सिंगापुर और हांगकांग में इसका कारोबार चल रहा है। लेकिन पहली तिमाही के आए परिणामों के चलते बैंक को आवश्यक कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है। इस क्रम में बैंक के मुख्य कार्यकारी निदेशक रिचर्ड स्टैनली नियुक्त किए गए हैं,जिन्होनें भारत और चीन में चल रहे मौजूदा कार्यक्रमों के विस्तार पर ज्यादा ध्यान देने की वकालत की है।
विस्तार देने के क्रम में बैंक को भरोसा है कि इस साल के अंत तक चीन में और 10 नई शाखांए खुल जाएंगी। बैंक के पहली तिमाही परिणामों की बात करें तो उस तिमाही में इन्वेंस्टमेंट बॉन्ड की कीमतों में क मी होने के कारण बैंक को कारोबारी घाटा उठाना पड़ा,जो कुल दो फीसदी का था। इसका नेट इनकम पिछले तीन महीनों में गिरकर 4,460 लाख डॉलर रह गया है।
इसके शेयर वैल्यू में 2.3 फीसदी की गिरावट,जबकि पहली तिमाही में कुल नुकसान 1,610 लाख डॉलर (सिंगापुर)का हुआ है। इन सबके अलावा,रेड ऑर्किड एसेट में भी कुल 860 लाख डॉलर(सिंगापुर) का नुकसान झेलना पड़ा।
सबसे खास बात यह कि बैंक का मुनाफा गिरकर 18 फीसदी हो गया। लिहाजा,इन घाटों की भरपाई करने के लिहाज से बैंक ने विस्तार करने के कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है। हालांकि इस संबंध में बैंक का कहना है कि उसके पास इस घाटे की भरपाई को लेकर पर्याप्त प्रावधान हैं और इस बात की उम्मीद है कि लोन-कारोबार में हुए घाटे की भरपाई चौथी तिमाही से होनी शुरू हो जाएगी।
जैसा मौजूदा नेट इंट्रेस्ट इनकम में आए 9 फीसदी उछाल को देखकर लगाया जा सकता है। इसके अलावा नेट इंट्रेस्ट मार्जिन भी कम होकर 2.09 प्रतिशत हो गया है। लिहाजा ,हांगकांग में बैंक की स्थिति कमोबेश ठीक-ठाक है और भौगोलिक विस्तार,सिंगापुर इंटरबैंक के ऑफरिंग रेट में हुई कमी का तकाजा रहा है कि बैंक को आगे भी यहां कारोबार से संबंधित कोई मुश्किल न झेलनी पडे। आगे की योजनाओं को उल्लेख करते हुए स्टैनली कहते हैं कि बैंक पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा लोन वितरित करेगा।