facebookmetapixel
IPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुई

बैंकों को बाजार जो​खिम के लिए 20 प्रतिशत ज्यादा फंडों की होगी जरूरत

आरबीआई ने 17 फरवरी को बेसेल-3 मानकों पर आधारित बाजार जो​खिम के लिए न्यूनतम पूंजी जरूरत के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया

Last Updated- March 01, 2023 | 8:54 PM IST

बैंक अ​धिकारियों का कहना है कि न्यूनतम पूंजी जरूरत पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल में दिशा-निर्देशों से बैंकों को कुछ खास व्यावसायिक गतिवि​धियों के प्रबंधन में ज्यादा स्वायत्तता मिलेगी, लेकिन बाजार जो​खिम के लिए ऋणदाताओं को 15-20 प्रतिशत ज्यादा पूंजी की जरूरत हो सकती है।

17 फरवरी को, आरबीआई ने बेसेल-3 मानकों पर आधारित बाजार जो​खिम के लिए न्यूनतम पूंजी जरूरत के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया। इसमें हितधारकों से 15 अप्रैल तक सुझाव मांगे गए हैं।

दिशा-निर्देशों में ट्रेडिंग बुक और बैंकिंग बुक में कारोबार से जुड़े सौदों के बीच स्पष्ट सीमांकन पर जोर दिया गया है।

एक बैंक में बाजार जो​खिम विभाग के अ​धिकारी ने कहा, ‘आरबीआई का सर्कुलर बेसेल के एफआरटीबी (फंडामेंटल रिव्यू ऑफ ट्रे​डिंग बुक) दिशा-निर्देशों पर आधारित है। जब वर्ष 2019 में सर्कुलर आया था, तो सभी बैंकों ने संशो​धित दिशा-निर्देशों के आधार पर गणना की थी और पूरे बैंकिंग उद्योग में प्रभावी पूंजी अधिभार बैंकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पूंजी के मुकाबले 50 से 100 प्रतिशत तक ज्यादा था।’

फरवरी 2019 में, बेसेल कमेटी ऑन बैंकिंग सुपरविजन ने बाजार जो​खिम के लिए न्यूनतम पूंजी जरूरत के लिए संशो​धित दिशा-निर्देश जारी किए थे। मानकों में ट्रेडिंग बुक और बैंकिंग बुक के बीच स्पष्ट सीमांकन निर्धारित किया गया और न्यूनतम पूंजी के लिए पिछली शर्तों को बदला गया था।

बैंकिंग बुक और ट्रेडिंग बुक की पिछली परिभाषा काफी हद तक सामान्य थी- ट्रेडिंग बुक में अवेलेबल फॉर सेल (एएफएस) और हेल्ड फॉर ट्रेडिंग (एचएफटी) पोर्टफोलियो शामिल थे।

नए मानकों के साथ पूरे बाजार जो​खिम पूंजी शुल्क को प्रभावी किए जाने से बैंक बदलावों की गणना पोर्टफोलियो पुन: वर्गीकरण के तौर पर कर रहे हैं।

अ​धिकारी ने कहा कि आरबीआई के सर्कुलर में सेकंडरी बाजार की ट्रेडिंग, 90 दिन के अंदर कारोबार, और सौदे पर ब्याज दर के जोखिम समेत कई अन्य बातों को भी शामिल किया गया है।

सर्कुलर में आरबीआई ने कहा है कि गैर-सूचीबद्ध इ​क्विटी और सहायक इकाइयों में ​इ​क्विटी निवेश जैसे मामलों को बैंकिग बुक में शामिल किया जा सकेगा। साथ ही ऐसे जो​खिमों की पहचान के लिए ऐसे अन्य कारकों पर भी जोर दिया गया है जो बेसेल-3 पूंजी मानकों में पहले शामिल नहीं थे।

First Published - March 1, 2023 | 8:54 PM IST

संबंधित पोस्ट