एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) 2030 तक अपना आधा कर्ज निजी क्षेत्र को देना चाहता है, जो अभी 24.5 प्रतिशत है। एआईआईबी के वाइस प्रेसीडेंट, इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशंस अजय भूषण पांडेय ने कहा कि निवेश बैंक का कुछ वर्षों में कुल ऋण बढ़कर 17-18 अरब डॉलर हो जाएगा। एआईआईबी अगले कुछ वर्षों की भारत की परियोजनाओं की सूची तैयार करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र दोनों के साथ मिलकर काम करेगा।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) में अलग से बात करते हुए पांडेय ने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए जरूरी रकम और उपलब्ध रकम का अंतर बहुत ज्यादा है और कोई भी सरकार अकेले यह अंतर नहीं पाट सकती।
एआईआईबी के गठन के बाद से इसने भारत को 12 अरब डॉलर ऋण दिया है, जिसमें से 1.8 अरब डॉलर निजी क्षेत्र को दिया गया है। बैंक का ध्यान निजी क्षेत्र की अक्षय ऊर्जा, हरित ऊर्जा, हरित परिवहन और सस्ते आवास जैसी परियोजनाओं पर है। पांडेय ने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 2030 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत है और यह सिर्फ सरकार से ही नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा, ‘एआईआईबी न सिर्फ निजी क्षेत्र को कर्ज दे सकता है, बल्कि इस तरह का माहौल बनाने में मदद कर सकता है।’