जीवन बीमा कंपनियों ने अक्टूबर से अपना ध्यान उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों पर केंद्रित कर दिया। बीमा कंपनियों ने 1 अक्टूबर से लागू नए सरेंडर मूल्य मानदंडों के संक्रमण के दौर में यह कदम उठाया है। बीमा कंपनियां इस अवधि के बाद अपने पास मौजूद सभी उत्पाद नहीं पेश कर सकती हैं। इसका इस उद्योग के पॉलिसियां बेचने पर अहम असर पड़ा और कंपनियों का पॉलिसियां बेचना 40 फीसदी तक गिर गया।
वितरकों ने सितंबर में अंधाधुंध तरीके से पॉलिसियां बेची थीं। इसका कारण यह था कि नए सरेंडर मूल्य के मानदंडों के कमीशन के ढांचे पर असर स्पष्ट नहीं था। इसका अक्टूबर में पॉलिसियों की बिक्री पर अहम प्रभाव पड़ा था और वितरक नए उत्पाद को बेचने को लेकर सुस्त हो गए थे।
केयर एज रेटिंग्स के बीएफएसआई रिसर्च के प्रमुख सौरभ भालेराव ने बताया, ‘बेची जाने वाली पॉलिसियों की संख्या में जबरदस्त गिरावट का कारण मुख्य तौर पर अक्टूबर से लागू नए सरेंडर मूल्य के मानदंड हो सकते हैं। इसके अलावा कंपनियां समय पर अपने सभी उत्पाद नहीं पेश कर सकती थीं और इसका भी व्यापक रूप से असर पड़ा। हालांकि बीमा कंपनियों ने उच्च मूल्य की पॉलिसियों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित किया।’