मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (MP Assembly Elections 2023) में टिकट काट दिए जाने से नाराज सीधी के कद्दावर नेता और वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। सीधी ‘पेशाब कांड’ (शुक्ला के करीबी और समर्थक नेता प्रवेश शुक्ला द्वारा एक स्थानीय आदिवासी पर पेशाब करने की घटना) के बाद आदिवासी समुदाय के बीच डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में पार्टी ने चार बार के विधायक शुक्ला का टिकट काटकर स्थानीय सांसद रीति पाठक को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है।
इससे नाराज शुक्ला ने पहले न्याय यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया और फिर यात्रा के समापन समारोह में उन्होंने कहा कि उन्होंने लगभग 50,000 लोगों से मुलाकात की है और लोगों का मानना है कि उन्हें चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमारा सिद्धांत चरैवेति-चरैवेति का रहा है। हमें रुकना नहीं है। हमें लोगों की जो प्रतिक्रिया मिल रही है उसे देखते हुए मैं कह सकता हूं कि कांग्रेस और भाजपा की तथाकथित उम्मीदवार कहीं नहीं टिकती हैं।’
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सीधी पेशाब कांड के बाद पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की जमकर किरकिरी हुई थी। आदिवासियों की नाराजगी की आशंकाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को न केवल अपने आवास पर बुलाकर उससे मुलाकात की थी, बल्कि उसके पैर भी धोए थे।
केदारनाथ शुक्ला का नाम पहली बार विवादों में नहीं आया है। इससे पहले अप्रैल 2022 में उनके द्वारा एक स्थानीय पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने पर स्थानीय पुलिस ने उस पत्रकार तथा कुछ अन्य लोगों को अर्द्धनग्न हालत में हवालात में रखा था। उसकी तस्वीरें वायरल हो जाने के बाद वह प्रकरण देश भर में चर्चा का माध्यम बन गया था।