facebookmetapixel
Airtel से लेकर HDFC Bank तक मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 10 तगड़े स्टॉक्स, 24% तक मिल सकता है रिटर्नबाबा रामदेव की FMCG कंपनी दे रही है 2 फ्री शेयर! रिकॉर्ड डेट और पूरी डिटेल यहां देखेंभारत-अमेरिका फिर से व्यापार वार्ता शुरू करने को तैयार, मोदी और ट्रंप की बातचीत जल्दGold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भावApple ‘Awe dropping’ Event: iPhone 17, iPhone Air और Pro Max के साथ नए Watch और AirPods हुए लॉन्चBSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्द

Lok Sabha Elections 2024: इस बार 1996 के बाद सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में

पिछले यानी 2019 के लोक सभा चुनाव में 8,054 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे, जबकि 2014 के आम चुनाव के मुकाबले में 8,251 उम्मीदवार खड़े हुए थे।

Last Updated- May 23, 2024 | 12:00 AM IST
चौथे चरण में दोपहर 3 बजे तक 50 फीसदी से ज्यादा वोटिंग; बंगाल नंबर वन, जम्मू-कश्मीर में सबसे कम, Lok Sabha Election 2024: More than 50 percent voting in the fourth phase till 3 pm; Bengal number one, Jammu and Kashmir least

अब तक की सबसे महत्त्वपूर्ण मानी जा रही चुनावी जंग में वर्ष 1996 के बाद इस बार सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं। वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव में कुल 8,337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि लगभग तीन दशक पहले 1996 में चुनाव लड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक 13,952 थी।

निर्वाचन आयोग के 2019 ‘एटलस’ के अनुसार पिछले यानी 2019 के लोक सभा चुनाव में 8,054 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे, जबकि 2014 के आम चुनाव के मुकाबले में 8,251 उम्मीदवार खड़े हुए थे।

देश में आजादी के बाद से ही चुनावी प्रक्रिया को बड़े उत्साह के साथ संपन्न कराया जाता है। मतदाताओं के साथ-साथ राजनेताओं में भी आम चुनाव को लेकर आशा और विश्वास साफ झलकता है। जैसे हर चुनाव में लोग लंबी-लंबी कतारों में लगकर अपना वोट डालने के लिए बेताब रहते हैं, उसी प्रकार जनता का जनप्रतिनिधि बनने की ललक भी राजनेताओं को चुनाव में पर्चा भरने के लिए प्रोत्साहित करती है।

यही कारण है कि वर्ष 1951-52 में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से 2024 तक लोक सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक आजादी के बाद सबसे पहले चुनाव में 489 सीट के लिए 1,874 प्रत्याशी मैदान में थे। इस बार के चुनाव में 543 सीट के लिए यह संख्या बढ़ कर 8,337 तक पहुंच गई है।

प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्याशियों की औसत संख्या भी 1951-52 में 3.83 से बढ़कर अब 15.35 हो चुकी है। वर्ष 1996 में चुनावी इतिहास में सबसे अधिक 13,952 प्रत्याशी लोक सभा का चुनाव लड़े थे और प्रत्येक सीट पर औसत संख्या 25.69 थी, जबकि इससे पहले 1991 के चुनाव में प्रत्येक सीट पर प्रत्याशियों की औसत संख्या 16.38 दर्ज की गई थी।

लोक सभा चुनाव में लगातार बढ़ती प्रत्याशियों की संख्या को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने जमानत राशि को 500 रुपये बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इससे बहुत से गैर गंभीर राजनेता चुनावी लड़ाई से पीछे हट गए और 1998 में चुनाव लड़ने वालों की संख्या तेजी से घटकर 4,750 पर आ गई। उस चुनाव में प्रत्येक सीट पर प्रत्याशियों का औसत 8.74 रहा।

इस साल चुनाव लड़ रहे 8,337 उम्मीदवारों के विश्लेषण के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है कि 797 अथवा 9.5 प्रतिशत महिलाएं भी लोक सभा पहुंचने की ख्वाहिश में अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

संसद ने बीते साल सिंतबर में ही महिला आरक्षण विधेयक पास किया है, जिसे परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार लोक सभा चुनाव में उतरे कुल प्रत्याशियों में 1644 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का खुलासा किया है।

First Published - May 22, 2024 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट