PM Modi Oath Ceremony: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुने जाने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस गठबंधन को ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर चलने वाला स्वाभाविक गठबंधन बताया।
राजग के संसदीय दल की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह अपनी अगली सरकार के सभी फैसलों में सर्वसम्मति सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास इस गठबंधन के मूल में है और वे ‘सर्व पंथ समभाव’ के सिद्धांत पर चलते है।
बैठक के बाद मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया है और शपथ ग्रहण रविवार को हो सकता है। शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रपति को मंत्रियों की सूची सौंपी जाएगी। मोदी की अगुआई में नया मंत्रिमंडल भी पद एव गोपनीयता की शपथ लेगा। इसमें आंध्र प्रदेश और बिहार की ज्यादा नुमाइंदगी हो सकती है।
राजग की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (JDU) के प्रमुख नीतीश कुमार ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी पार्टी मोदी के कार्यकाल में हर दिन भाजपा के साथ खड़ी रहेगी।
नरेंद्र मोदी भारत के लिए सही समय पर सही नेता: चंद्रबाब नायडू
सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाब नायडू ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय आकांक्षाओं और राष्ट्रीय हितों का संतुलन बनाते हुए चलना चाहिए। नरेंद्र मोदी भारत के लिए सही समय पर सही नेता हैं।
मोदी ने कहा कि अगले कार्यकाल में उनकी सरकार का जोर सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और आम नागरिकों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप पर रहेगा।
मोदी ने दावा किया कि राजग (NDA) जीत पचाना अच्छी तरह जानता है और कहा, ‘अगर हम गठबंधन के इतिहास में संख्या के लिहाज से देखें तो यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है।’
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ‘हम कभी नहीं हारे। 4 जून के बाद हमारा आचरण दिखाता है कि हमें जीत को पचाना आता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह हमारे देश के इतिहास में सबसे सफल गठबंधन है। इसने तीन सफल कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और अब अपने चौथे में प्रवेश कर रहा है। राजग उन दलों का समूह नहीं है जो सत्ता पाने के लिए एक साथ आए हैं, यह ‘राष्ट्र प्रथम’ के लिए प्रतिबद्ध है।’
तेदेपा के नायडू ने इस अवसर पर क्षेत्रीय आकांक्षाओं और राष्ट्रीय हितों का संतुलन बनाकर चलने की जरूरत बताई। राजग संसदीय दल की बैठक में सहयोगी दल जनता दल-सेक्युलर के नेता एच डी कुमारस्वामी, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हम (एस) के प्रमुख जीतन राम मांझी समेत सभी सहयोगी नेताओं ने मोदी को राजग का नेता चुनने के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह संसदीय बहस की कमी महसूस कर रहे थे और उम्मीद करते हैं कि विपक्षी सांसद भी संसद में आने पर राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी 100 सीटों के आंकड़ा भी नहीं छू सकी और पिछले तीन लोकसभा चुनावों में उनकी कुल मिलाकर जितनी सीटें आई हैं, वे भाजपा की इस चुनाव की सीटों से भी कम हैं।
उन्होंने कहा कि राजग (NDA) के घटक दलों का आपसी भरोसे का सेतु मजबूत है और यह अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। उन्होंने कहा, ‘यह सबसे बड़ी पूंजी होती है।’